बता दें कि विक्रमादित्य सिंह पहली बार चुनावी मैदान में थे ।उनके सामने जहां पिता वीरभद्र सिंह का साथ था, वहीं अपनी ही पार्टी में चुनौतियां भी अपार थीं। बावजूद इसके वह इस चुनावी समर में अपनी नैय्या पार लगा गए। वीरभद्र सिंह के लिए सत्ता से बाहर होने के बाद भी सुखद पहलू यह है कि वे अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह को विधानसभा की दहलीज पार करवाने में सफल रहे हैं।
शिमला ग्रामीण से विजय हुए विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि यह जनता का फैसला है और यह सर्वमान्य है। उन्होंने कहा की प्रदेश की जनता को बीजेपी को समर्थन दिया है और हम उसका सम्मान करते हैं। कांग्रेस हिमाचल में कैसे हारी है इस पर मंथन किया जायेगा। पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री यहां बैठे रहे हैं और पैसे का दुरुपयोग किया है उसका हमें नुकसान हुआ है।
शिमला की कसुम्पटी सीट कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध सिंह ने एक बार फिर जीत दर्ज की है। अनिरुद्ध सिंह जितने के बाद आभार व्यक्त करने के लिए सीएम वीरभद्र सिंह के आवास पहुंचे। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने पांच सालो में बहुत काम किया है, जिससे लोगों ने उन्हें फिर से जिताया है।