हिमाचल प्रदेश का जुब्बल कोटखाई ऐसा चुनाव क्षेत्र है जहां के लोगों ने हमेशा सत्ता सुख भोगा है। यहां से जो भी विधायक चुना गया उसकी सरकार प्रदेश में बनी है। शिमला जिला की सेब बैल्ट का ये अहम चुनाव क्षेत्र संपन्न लोगों का है। इसी चुनाव क्षेत्र ने प्रदेश को तीन बार मुख्यमंत्री दिए।
भले ही इस दौरान प्रदेश में सरकारें बदल गई हों लेकिन जुब्बल कोटखाई के लोग सत्ता में ही रहे। यानि प्रदेश में जिसकी सरकार उसका विधायक यहां चुना गया।जुब्बल कोटखाई की जनता ने कभी भी विपक्ष में बैठने के लिए जनादेश नहीं दिया। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2017 में भी यह बात साबित हो रही है। यहां से इस बार बीजेपी के नारिंद्र ब्रैगता को जीत हासिल हुई और इस बात की भी पूरी संभावना है यहां भारतीय जनता पार्टी अपना सरकार बनाने में सफल हो जाएगी। यहां तक कि 1977 में प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी लेकिन जुब्बल कोटखाई की किस्मत ऐसी थी कि तीन साल बाद बिना चुनाव हुए ही न सिर्फ सत्ता में बैठ गया बल्कि उसके विधायक ठाकुर रामलाल सीएम बन गए।
1990 में भी एक वक्त ऐसा आया कि जुब्बल ने कोटखाई से दो बार मुख्यमंत्री रहे ठाकुर रामलाल कांग्रेस से अलग होकर जनता दल से चुनाव लड़े। जनता दल बहुत ही कम सीटों पर लड़ रहा था तो प्रदेश में तय था कि कांग्रेस या भाजपा की सरकार बनेगी।
लेकिन यहां से लड़ रहे ठाकुर रामलाल ने न सिर्फ वीरभद्र को चुनाव में पहली बार हराया बल्कि भाजपा के सत्ता में आने पर उसमें शामिल हो गए। उस समय केंद्र में वीपी सिंह की जनता दल सरकार में भाजपा सहयोगी थी। जब प्रदेश में शांता कुमार की सरकार बनी तो जनता दल उनके साथ हो गया।
सत्ता में आज तक बैठे जुब्बल कोटखाई के विधायक
1951 बाला नंद, कांग्रेस
1967 राम लाल, कांग्रेस
1972 रामलाल, कांग्रेस
1977 राम लाल, कांग्रेस
1980 राम लाल, कांग्रेस
1985 वीरभद्र सिंह, कांग्रेस
1990 रामलाल (जनता दल)
1993 रामलाल, कांग्रेस
1998 रामलाल, भाजपा
2003 रोहित ठाकुर, कांग्रेस
2007 नरेंद्र बरागटा, भाजपा
2012 रोहित ठाकुर, कांग्रेस