मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उसे देखने से उसके स्वास्थ्य एवं कुशलक्षेम को लेकर सवाल उठते हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक से पहले दोनों देश राजनयिक माध्यमों के साथ सम्पर्क में थे ताकि इसकी रूपरेखा और प्रारूप तैयार किया जा सके।
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच स्पष्ट रूप से सहमति थी और भारतीय पक्ष ने निष्ठापूर्वक अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हालांकि हमें इस बात का अफसोस है कि पाकिस्तानी पक्ष ने इस मुलाकात का आयोजन जिस प्रकार से कराया, वह स्पष्ट रूप से हमारी आपसी समझ की भावना का उल्लंघन है।
मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि सुरक्षा एहतियात की आड़ में जाधव के परिवार के सदस्यों की सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं का ध्यान नहीं रखा गया । ‘‘इसमें मंगलसूत्र, चूड़ी और बिंदी हटाने के साथ परिधान बदलने का कार्य शामिल है जिसकी सुरक्षा के लिहाज से कोई जरूरत नहीं थी।’’ मंत्रालय ने कहा कि जाधव की मां को उनकी मातृभाषा में बात करने से रोका गया जबकि यह संवाद का नैसर्गिक माध्यम था। उन्हें ऐसा करने से बार बार टोका गया ।
इसमें कहा गया है कि जिस प्रकार से मुलाकात का आयोजन किया गया और उसके बाद की घटनाएं, स्पष्ट तौर पर जाधव से जुड़ी कथित गतिविधियों की गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी जेल में कथित रूप से जासूसी के मामले में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के साथ इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय में उनकी पत्नी और मां ने कल मुलाकात की थी, लेकिन उनके बीच कांच की एक दीवार थी। पिछले साल मार्च में गिरफ्तारी के बाद से जाधव की उनसे यह पहली मुलाकात है।
करीब 40 मिनट की यह मुलाकात भारी सुरक्षा वाले विदेश मंत्रालय की इमारत में हुई। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने मई में पाकिस्तान से जाधव को सुनाई गयी मौत की सजा पर रोक लगाने के लिए कहा था।