मंत्रिमंडल ने ऐसे स्थानांतरण आदेश जो अभी कार्यान्वित नहीं हुए हैं, उन पर यथास्थिति बनाए रखने का भी फैसला किया है। इस बैठक में ये भी तय हुआ कि भाजपा के स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र 2017 को सरकार के नीति दस्तावेज के तौर पर अपनाया जाएगा।हिमाचल मंत्रिमंडल ने वृद्धजनों को लाभान्वित करने के लिए बिना आय की सीमा से प्रदान की जाने वाली वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटा कर 70 वर्ष करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह फैसला राज्य के वृद्धजनों के लिए नववर्ष का बड़ा तोहफा है। राज्य मंत्रिमंडल ने आवारा पशुओं के कारण उपजी समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रिमंडल उप समिति गठित करने का भी फैसला लिया।
अनिल शर्मा, डॉ. राम लाल मारकंडा और गोबिंद सिंह ठाकुर इसके सदस्य होंगे। मंत्रिमंडल ने राज्य के लोगों विशेषकर प्रधानमंत्री का उन पर विश्वास जताने तथा नवगठित सरकार में एक मजबूत नेतृत्व उपलब्ध करवाने के लिए आभार जताया। मंत्रिमंडल ने सर्वसमिति से हिमाचल के लोगों का भारतीय जनता पार्टी, इसकी नीतियों तथा कार्यक्रमों में विश्वास जताने के लिए आभार व्यक्त किया। इस बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह का उनके गतिशील नेतृत्व की बदौलत हाल ही के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली विजय के लिए आभार जताया जाता है।
मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव दिया कि यह सरकार प्रदेश के लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करेगी।हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक के बाद ही राज्य सचिवालय की शीर्ष अफसरशाही भी हरकत में आ गई है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बुधवार शाम को धड़ाधड़ अधिसूचनाएं जारी की गईं। अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण श्रीधर ने एक के बाद एक चार अधिसूचनाएं जारी कीं। इनमेें इमिडियेट/टाइम बाउंड भी लिखा गया। पहली अधिसूचना सभी निगमों-बोर्डों के अध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्तियां निरस्त करते हुए जारी की गई। दूसरी अधिसूचना अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर दिए गए तमाम सेवा विस्तार और एक्सटेंशन को निरस्त करने को लेकर जारी की गई।
तीसरी अधिसूचना ये जारी की गई कि कर्मचारियों की लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग से बाहर कोई भर्ती नहीं होगी। कर्मचारियों के तबादलों को लेकर भी एक अन्य अधिसूचना जारी की गई कि अब तमाम स्थानांतरणों पर नए फैसले लेने होंगे। ये भर्ती संबंधित मंत्रियों की संस्तुति के बाद ही होगी।शपथ ग्रहण समारोह के बाद पहली मंत्रिमंडल बैठक में नौ जनवरी से विधानसभा सत्र आहूत करने का निर्णय लिया है। धर्मशाला के तपोवन में स्थित विधानसभा में चार दिवसीय सत्र का आयोजन किया जाएगा। सरकार हर वर्ष शीतकालीन सत्र धर्मशाला में आयोजित करती है। 12 जनवरी तक चलने वाले जयराम सरकार के पहले सत्र में कुछ नए बिल सदन के पटल पर रखे जा सकते हैं