मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पूरी तरह अटकलों पर आधारित परिणाम है और इसलिए इसकी कीमतों में इतना उतार-चढ़ाव है।’’
उल्लेखनीय है कि बिटकॉइन समेत हाल के दिनों में वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) के मूल्य में तेजी से वृद्धि हुई है। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा होती है। वास्तविक तौर पर क्रिप्टोकरेंसी का कोई वजूद नहीं होता यह बस डिजिटली लेनदेन के लिए उपयुक्त होती है।
मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की मुद्रा का कोई वास्तविक मूल्य नहीं है और ना ही इसके पीछे कोई संपत्ति का आधार होता है।
इससे पहले दिन में वित्त राज्यमंत्री पी. राधाकृष्णन ने लोकसभा में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने एक अंतर-विभागीय समिति का गठन किया था जिसने दुनियाभर में बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी के मौजूदा नियमन और कानूनी ढांचे का अध्ययन कर इसके नियमन के लिए एक ढांचा खड़ा किए जाने का सुझाव दिया है।अपने लिखित जवाब में मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया कि समिति ने अपनी रपट दे दी है और अभी सरकार इस पर विचार कर रही है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी धारकों, उपयोक्ताओं और कारोबारियों को पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तीन बार इसके खतरों के प्रति आगाह किया जा चुका है।
साथ ही केंद्रीय बैंक समय समय पर यह भी सूचित करता है कि इस तरह की मुद्रा के सौदों या संबंधित योजनाओं को चलाने के लिए उसने किसी को लाइसेंस या प्रमाणन नहीं दिया है।