नए साल में मध्य प्रदेश सरकार बुज़ुर्गों को बढ़िया तोहफ़ा देने वाली है. सरकार ऐसा कानून बना रही है जिसके मुताबिक सरकारी अधिकारी औऱ कर्मचारियों के वेतन से उनके बुज़ुर्ग माता पिता की जीवन यापन के लिए दस फीसदी रकम काटी जाएगी. अगर वो अपने माता पिता का ख्याल नहीं रखते हैं. बुज़ुर्गो के नाम पर ये कटौती ज्यादा से ज्यादा 10,000 रूपये तक होगी.
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार का सामाजिक न्याय विभाग बदलाव कर नया नियम बना है जो उन सरकारी मुलाज़िमों के लिए लागू होगा जो अपने माता पिता को भगवान भरोसे छोड़ देते हैं. ये नियम राज्य सरकार और निगम मंडल के कर्मचारी के साथ ऐसी संस्थाओं पर भी लागू होगा जिनमें सरकारी पूँजी लगी है. केन्द्र के एमपी में काम करने वाले कर्मचारियों को इस दायरे में लाने के लिए राज्य सरकार का विधेयक लाने का भी इरादा है.
इस मामले में मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री, गोपाल भार्गव का कहना है कि, हमने तय किया है कि कर्मचारी अधिकारी को जितना वेतन मिलेगा उसका दस पर्सेंट उसके वेतन से डिडक्शन कर जो 10,000 से ज्यादा नहीं होगा. वो वेतन से काटकर उसके माता पिता को देंगे ताकि उनकी जीविका चल सके.भोपाल के आनंद धाम वृद्धाश्रम मे एफएम पर गाना सुनते सपन चक्रवर्ती परिवार के साथ बिताए अच्छे दिन याद कर रहे हैं. उनके बेटे और बहू से पटी नहीं तो आनंद धाम में अपना ठिकाना बनाया है. सपन ये जानकर खुश है कि सरकार ऐसा नियम बना रही है जिसमें सरकारी मुलाज़िम को बुज़ुर्ग माता पिता के खर्चे के लिए तनख्वाह से दस फीसदी रकम देना होगी. वहीं, मौन व्रत पर बैठे बुज़ुर्ग राजेन्द लिखकर बच्चों को याद दिला रहे है कि भारत वो देश है जिसमें माता पिता की सेवा के लिए श्रवण कुमार की मिसाल दी जाती है. फिलहाल मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार श्रवण कुमार की भूमिका में है. इससे कम से कम उन बुज़ुर्गों को तो फायदा होगा ही जिनके बच्चे सरकारी नौकरी में हैं मगर अपने माता पिता की कद्र नहीं करते हैं.