Home फिल्म जगत रोमांच और मनोरंजन से भरपूर है फिल्म जुमांजी 2….

रोमांच और मनोरंजन से भरपूर है फिल्म जुमांजी 2….

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वह साल था 1969। एक किशोर को सुनसान इलाके में एक बोर्ड गेम मिला जिसे खेलते हुए वह गायब हो गया। उसकी दुनिया में वापसी की शर्त यह थी कि कोई दूसरा व्यक्ति उसी खेल को खेले और उसके दौरान पांसा फेंकने पर 5 या 8 अंक आए। और ऐसा हो सकता पूरे 26 साल बाद! 26 साल तक वह किशोर एक गुमनाम जंगल में भटकता रहा।
तारीखें बदलीं, समय बदला, लोगों की पसंद बदली। साल 1995 आया। इस बार एक दूसरे किशोर को वही बोर्ड गेम मिला, जिसे उसने यह कहकर किनारे रख दिया कि,‘यह तो एक बोर्ड गेम है, आजकल बोर्ड गेम भला कौन खेलता है?’ गेम भी सयाना निकला। उसने खुद को बदला और बन गया एक वीडियो गेम। अब इसमें किशोर की दिलचस्पी बढ़ी और उसे खेलने के साथ ही वह भी हो गया गायब।

बात हो रही है जानीमानी फिल्म शृंखला जुमान्जी की, जो पूरे 22 साल बाद दर्शकों के सामने आई है। नए रंग-ढंग और कलेवर में। इस बार यह फिल्म सबके चहेते ड्वेन जॉनसन, कैरेन गिलन और केविन हार्ट जैसे सितारों से सजी हुई है। जाहिर है, इस बार ग्लैमर ज्यादा है, मजा ज्यादा है… मनोरंजन का स्तर लगभग पिछली किस्त जैसा ही है। हां, जैसा कि सीक्वल फिल्मों के साथ अक्सर होता है, जुमांजी के मामले में भी कहानी, चौंकाने वाले तत्व और सहजता इसकी पिछली किस्त में ज्यादा थी। पर इसके बावजूद, यह दूसरी किस्त अलग कारणों से मनोरंजन करती है।

यह एक रीबूट सिरीज है, यानी उसी कहानी को लेकर नए अंदाज में बनाई गई फिल्म। पर फिर भी, इसकी कहानी शुरू वहीं से होती है, जहां से पिछली फिल्म खत्म हुई थी। पिछली फिल्म के किशोर युवा यानी एलन और सारा वह गेम नदी में फेंक कर चले गए थे। यह गेम नदी के किनारे टहलते समय एक किशोर एलेक्स के पापा को मिलता है, जो वह उसके लिए ले आते हैं। कुछ समय बाद एलेक्स गायब हो जाता है। कहानी 20 साल आगे बढ़ती है। ब्र्रैंटफॉर्ड हाईस्कूल के चार छात्रों को अलग-अलग कारणों के चलते अपने स्कूल का एक कमरा व्यवस्थित करने की सजा मिलती है। इस सजा के दौरान इन्हें एक वीडियोगेम मिलता है जिसे खेलते हुए वे चारों एक जंगल में पहुंच जाते हैं। वीडियोगेम खेलते हुए ये छात्र जो किरदार चुनते हैं, जंगल में वे वही बन जाते हैं। मजे की बात यह है कि ये किरदार उनके असल व्यक्तित्व के ठीक उलट हैं। पढ़ाकू छात्र स्पेंसर, लंबे-चौड़े और गठीले शरीर वाले डॉक्टर ब्रेवस्टोन (ड्वेन जॉनसन) में बदल जाता है। कॉलेज की खूबसूरत और सेल्फी प्रेमी लड़की बेथनी नक्शा पढ़ने में माहिर एक थुलथुल से प्रोफेसर शेल्डॉन ओबेरॉन (जैक ब्लैक) में बदल जाती है। शर्मीली और अंतर्मुखी लड़की मार्था, रूबी राउंडहाउस (कैरन गिलन) में बदल जाती है। और फुटबॉल खिलाड़ी फ्रिज, फ्रैंकलिन मूस (केविन हार्ट) नाम के जूलॉजिस्ट में बदल जाता है।

अब इन सभी को मिलकर जंगल में एक खास मकसद पूरा करना है। गेम के विभिन्न लेवेल पार करने हैं। हर बढ़ते लेवेल के साथ खेल खतरनाक होता जाएगा। खेल खत्म होते ही ये सब असली दुनिया में लौट जाएंगे, वरना इन सभी को इसी जंगल में रहना होगा। जंगल में उनकी मौत भी हो सकती है। सभी को तीन लाइफलाइन मिली हुई हैं, जिसे उनकी कलाई पर गुदी तीन टैटू लाइनें दर्शाते हैं। अगर किसी की मौत होती है, तो एक टैटू लाइन अपने आप ही मिट जाती है। चुनौती यह है कि तीनों लाइनों के मिटने से पहले ये खेल को खत्म कर दें।
जंगल में कई तरह की चुनौतियां हैं- गैंडे, जैगुआर, जहरीले मच्छर और एक विलेन वैन पेल्ट (बॉबी कैनावेल) भी। असली मुश्किल तब आती है, जब सभी खिलाड़ियों की कलाइयों में सिर्फ एक ही लाइन बचती है, यानी सिर्फ एक लाइफलाइन। तभी उन्हें एहसास होता है कि जिंदगी सिर्फ एक ही बार मिलती है और इसी जिंदगी में सारी चुनौतियों को मात देनी होती है। फिल्म में ड्रम बजने की आवाज पिछली ही फिल्म की तरह एक तरफ डराती है तो दूसरी तरफ रोमांचित करती है। खेल की एक बाजी इन खिलाड़ियों को जिंदगी जीना सिखा जाती है। अंतर्मुखी लड़की में आत्मविश्वास आ जाता है, खुद को मिस यूनिवर्स समझने वाली लड़की दूसरों के लिए जान देना सीख जाती है, पढ़ाकू लड़का खुद में एक हीरो को देखने लगता है और फुटबॉल खिलाड़ी को एहसास होता है कि उसका सबसे अच्छा दोस्त दरअसल वह पढ़ाकू लड़का है।

एक्टिंग के स्तर पर सभी कलाकारों ने बेहतरीन काम किया है, विशेष रूप से ड्वेन जॉनसन और केविन हार्ट ने। इन दोनों जब भी साथ होते हैं, कमाल करते हैं और इस बार भी ऐसा हुआ है। ड्वेन की दिलकश मुस्कान और उनका अंदाज इस बार भी गजब ढाने वाला है। कैरन गिलन इससे पहले ‘गार्डियंस ऑफ दि गैलेक्सी’ सिरीज में नेब्यूला के किरदार से चौंका चुकी हैं। इस बार भी उनका काम अच्छा है। हालांकि एक दृश्य में जब वह विलेन वैन पेल्ट के गुंडों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करती हैं, तो उनके हाव-भाव कुछ अजीब लगते हैं। फिल्म में रोमांच के साथ ही इसका कॉमेडी पक्ष भी मजबूत है। कुल मिलाकर नए साल पर मनोरंजन की जो खुराक आम दर्शकों को चाहिए होती है, वह देने के लिए जुमांजी 2 एक दिलचस्प विकल्प है।

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