Home राष्ट्रीय भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर हिंसा से1 की मौत…..

भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर हिंसा से1 की मौत…..

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भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर एक जनवरी को आयोजित किए गए कार्यक्रम के दौरान भड़की हिंसा में एक शख्स की मौत और कई लोगों के घायल होने को राज्य सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए है।
भीमा कोरेगांव में दलित संगठनों ने पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर अंग्रेजों की जीत का शौर्य दिवस मनाया था। इस दौरान भड़की हिंसा में 25 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई।सीएम फड़णवीस ने कहा कि सालगिरह के मौके पर करीब तीन लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस की छह कंपनियां तैनात की गई थ। लेकिन, कुछ लोगों ने माहौल को बिगाड़ा है। फड़णवीस ने कहा कि इस तरह की हिंसा को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य सरकार ने मृतक के परिवारवालों को दस लाख रूपये मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया है।

भीमा-गांव हिंसा की दलित नेता और केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के सीएम से बात की है। अठावलने ने कहा कि उन्होंने सीएम से जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि इस तरह की घटना दोबारा ना हो।दरअसल, भीमा कोरेगांव की लड़ाई 1 जनवरी 1818 को पुणे स्थित कोरेगांव में भीमा नदी के पास महार और पेशवा सैनिकों के बीच लड़ी गई थी। इसमें अंग्रेजों ने पेशवा द्वितीय के खिलाफ लड़ाई जीती थी। इस लड़ाई में सैनिकों के साथ कुछ महार भी शामिल थे। महार सैनिकों को उनकी वीरता और साहस के लिए सम्मानित किया गया और उनके सम्मान में भीमा कोरेगांव में स्मारक भी बनवाया, जिन पर महारों के नाम लिखे गए। इसके बाद से पिछले कई दशकों से भीमा कोरेगांव की इस लड़ाई का महाराष्ट्र के दलित जश्न मनाते आ रहे हैं।

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