दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट का तीसरा दिन बुरी तरह बारिश से धुलने के बाद किसी ने भी नहीं सोचा था कि मैच कुछ इस तरह तेजी से करवट लेगा. चौथे दिन भारतीय सीमरों का बुरी तरह कहर मेजबान बल्लेबाजों पर टूटा. और एक समय बड़ी बढ़त लेती दिखाई दे रही दक्षिण अफ्रीकी टीम दूसरी पारी में समय से बहुत पहले ही धरायशायी हो गई. और यह एक लिहाज से किसी टीम का भारत के खिलाफ सबसे बुरा हाल रहा. वास्तव में मेजबान क्रिकेटप्रेमी अपनी टीम के इस सबसे बुरे हाल पर बहुत ही ज्यादा बता दें भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पर्थ में साल 2012 में 155 रन के अंतर से सजा दी धी. वहीं जिंबाब्वे को भी भारत ने साल 1998 में हरारे में 155 रन के अंतर से सबसे बुरा हाल किया. साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका टीम का भारत ने डरबन में 152 रन के अंतर से सबसे बुरा हाल किया.लेकिन इस प्रदर्शन के बाद जो केपटाउन में हुआ, उसके बारे में तो न ही लोकल मीडिया और न ही कप्तान फैफ डू प्लेसिस ने ही सोचा होगा कि वह भारत के खिलाफ एक अनचाहे रिकॉर्ड को जन्म दे देगी.
वेस्टइंडीज का भी एक खास पहलू से भारत ने बहुत बुरा हाल किया. यह साल था 1971, जब विंडीज टीम किंगस्टन में 144 रन के अंतर से उम्मीदों से बहुत पहले ही सिमट गई थी. और अब केपटाउन में दक्षिण अफ्रीकियों ने इन तमाम पिछले रिकॉर्डों पर पानी फेरते हुए खुद को अनचाहे रिकॉर्ड की टॉप पायदान पर विराजमान कर लिया. वास्तव में भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका बिना किसी नुकसान के पचास रन बनाकर सबसे कम स्कोर पर आउट होने वाली नंबर-1 टीम बन गई.