समापन मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘साइबर मसलों को तुरंत निपटाया जाना चाहिए और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’ साथ ही सोशल मीडिया के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैसेजिंग को अधिक से अधिक प्रभावशील बनाने के लिए स्थानीय भाषाओं का उपयोग किया जाए। पीएम ने सूचना साझा करने और राज्यों के बीच अधिक खुलेपन पर जोर दिया, ताकि सभी को अधिक सुरक्षित बनाने में मदद मिल सके।उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर खुलेपन की दुनियाभर में स्वीकार्यता बढ़ाई जा रही है। मोदी ने अवैध वित्तीय सौदों पर अधिक से अधिक जानकारी साझा करने की दिशा में उभरती वैश्विक सहमति का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत को यह लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी थी
PM ने कहा कि देश में सामने आ रही चुनौतियों और जिम्मेदारियों के संदर्भ में यह सम्मेलन अब और अधिक प्रासंगिक हो गया है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के नए स्वरूप में आने से गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पिछले कुछ वर्षो में इस सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श के फलस्वरूप पुलिस बल का उद्देश्य स्पष्ट हो गया है, वहीं निष्पादन में काफी सामंजस्य बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘इस सम्मेलन से एक ओर जहां शीर्ष पुलिस अधिकारियों को मदद मिलती है, वहीं समस्याओं और चुनौतियों से निपटने का समग्र दृष्टिकोण मिलता है
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आईबी अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक भी भेंट किया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर व किरन रिजिजू भी उनके साथ थे। प्रधानमंत्री टेकनपुर से ग्वालियर और फिर वहां से वायुसेना के विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री रविवार को ही ग्वालियर होते हुए टेकनपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने विभिन्न अफसरों से खास मसलों पर नौ घंटे तक चर्चा की थी।टेकनपुर में चल रहे सम्मेलन में देशभर से पहुंचे पुलिस अधिकारी सुरक्षा से जुड़े मुद्दों, साइबर आतंकवाद, सोशल मीडिया का प्रभाव, सीमापार आतंकवाद, युवाओं के अतिवादी बनने के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। सम्मेलन में देशभर से आए 205 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया।