भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती की हार के बाद जिला में पैदा हुए सियासी शून्य को कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री की ताजपोशी ने भर दिया है। सत्ती की हार के बाद जिला ऊना सियासत के फलक पर पीछे चल रहा था। हालांकि भाजपा सरकार में कुटलैहड़ से चौथी बार जीते वीरेंद्र कंवर को जयराम सरकार में कैबिनेट में जगह मिलने से इसकी क्षतिपूर्ति जरूर हुई। लेकिन सत्ती की हार के नुकसान से अभी जिला भाजपा उबर नहीं पाया है।
माना जा रहा था कि पूर्व सीएम धूमल की हार के बाद वरिष्ठता के लिहाज से सतपाल सत्ती सीएम पद के दावेदार थे वरना मंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी तो पुख्ता ही थी। बहरहाल, हरोली से कांग्रेस दिग्गज पूर्व उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री की नेता प्रतिपक्ष के तौर पर नियुक्ति ने प्रदेश की सियायत में ऊना का कद फिर से बढ़ा दिया है।
यह पहला मौका है जब जिला से किसी नेता की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर नियुक्ति हुई है। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के खास माने जाने वाले मुकेश अग्निहोत्री जहां अपनी पहली पारी में सीपीएस बने थे, जीत की हैट्रिक के बाद उनके पास कैबिनेट में उद्योग, श्रम, खेल, जनसंपर्क, रोजगार एवं संसदीय मामले जैसे अहम विभाग रहे।
इस विधानसभा चुनाव में सत्ती की हार से जिला ने काफी कुछ खोया तो नेता प्रतिपक्ष के रूप में मुकेश की नियुक्ति से बहुत कुछ पा भी लिया। कुल मिलाकर नई सरकार में जिला की सियासत गर्म रहेगी और ऊना सुर्खियों में रहेगा।