हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से सीएम पद का चेहरा बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराने के बाद कांग्रेस अब उनके सांसद पुत्र अनुराग ठाकुर को घेरने की तैयारी में है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को नेता प्रतिपक्ष देने के लिए भी कांग्रेस की यही रणनीति मानी जा रही है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति बेहद खराब रही है।
यहां 7 सीटों पर भाजपा का मतदान प्रतिशत गिरा है जबकि वर्ष 2014 में हरोली विधानसभा को छोड़ शेष में कांग्रेस पिछड़ी थी। कांग्रेस ने हरोली के विधायक मुकेश अग्निहोत्री को नेता विपक्ष चुना और इसी संसदीय क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू को पद पर बनाए रखकर भाजपा के परंपरागत गढ़ में सियासी सेंधमारी की तैयारी की है।
बेशक कांग्रेस इस बार 21 सीटों पर सिमटकर सत्ता में न आ पाई हो मगर पूर्व मुख्यमंत्री और पिछली वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में नेता प्रतिपक्ष रहे प्रेम कुमार धूमल को हराना अपनी बड़ी कामयाबी मान रही है।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की 17 विधानसभा सीटों में से इस बार भाजपा के पाले में दस सीटें हैं जो पिछले विधानसभा चुनाव में नौ थीं और कांग्रेस के पाले में छह सीटें हैं जो पिछली बार सात थीं। पिछली बार की तरह अबकी बार भी एक निर्दलीय प्रत्याशी हैं। इससे एक बात साफ है कि बेशक हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में इस बार कांग्रेस की एक सीट घट गई हो और भाजपा की एक बढ़ गई हो, बावजूद इसके धूमल के गृह जिले हमीरपुर की पांच विधानसभा सीटों में कांग्रेस की सीटें एक से बढ़कर तीन हो गई हैं और भाजपा की चार से घटकर दो रह गई हैं।मुख्यमंत्री का चेहरा धूमल तक चुनाव हार गए। कांग्रेस ऊना और बिलासपुर जिलों में पीछे है। ऊना जिले से अग्निहोत्री को नेता प्रतिपक्ष बनाने के पीछे एक कारण यह भी है।
चार बार के विधायक मुकेश बतौर मंत्री हमीरपुर जिले के प्रभारी भी रह चुके हैं। यही नहीं, मुकेश दो दशक से अपनी सीट से कांग्रेस को हर बार बढ़त दिला रहे हैं, जबकि इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस इस बार बेहद मजबूत दिखी है।
आगे पढ़ेंससे कांग्रेस को धूमल परिवार को घेरने का मौका मिल गया है। धूमल के बाद उनके बेटे अनुराग ठाकुर को घेरना कांग्रेस इसलिए भी आसान मान रही है कि भाजपा की आंतरिक धड़ेबाजी का भी उसे लाभ मिल सकता है।
भाजपा के इस युवा नेता को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कांग्रेस को एक मौका नजर आ रहा है। धूमल परिवार पहले से ही हिमाचल कांग्रेस के सबसे बडेे़ नेता वीरभद्र सिंह के निशाने पर लगातार रह चुका है।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू के अलावा भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा पर भी इसके लिए बड़ी जिम्मेवारी रहेगी। राणा वर्ष 2014 के आम चुनाव में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा उम्मीदवार अनुराग ठाकुर को कड़ी टक्कर दे चुके हैं।