टीम इंडिया से बाहर चल रहे आतिशी बल्लेबाज युवराज सिंह को भले ही फिटनेस टेस्ट में पास होने के बाद दक्षिण अफ्रीका में बाद होने वाली वनडे सीरीज के लिए टीम में जगह नहीं दी हो, लेकिन युवराज यह साबित करने में अपनी तरफ से कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं कि उनके भीतर अभी भी बहुत क्रिकेट बाकी बची हुई है. युवराज ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नाबाद अर्धशतक जड़कर सेलेक्टरों द्वारा उनकी फॉर्म पर उठाए गए सवाल का अच्छा जवाब दिया है.
वैसे युवराज सिंह ने भले ही मंगलवार से शुरू हुई घरेलू अंतर राज्य सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी-20) में अर्धशतक जड़ दिया हो, लेकिन इसके बावजूद उनकी राह में पिछले दिनों बोर्ड ने एक बड़ा रोड़ा खड़ा कर दिया है. दरअसल बीसीसीआई ने सीनियर खिलाड़ियों के लिए मुश्किल यो-यो फिटनेस टेस्ट सके नए मानक करीब-करीब तय कर दिए हैं. इसके तहत अब सीनियरों को टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए 16.1 से 16.5 औ 17.00 का स्कोर करना होगा. वहीं युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे चुस्ती-फुर्ती वाले खिलाड़ी अभी तक यो-यो टेस्ट में 16.1 का स्कोर भी नहीं निकाल सके हैं.
मतलब साफ है कि भले ही युवराज सिंह ने अपने बल्ले का दम फिर से दिखाना शुरू कर दिया है, लेकिन अब उन्हें अपने फिटनेस टेस्ट के पैमाने को भी जल्द से जल्द यो-यो टेस्ट के 16.5 के स्तर पर ले जाना होगा. अब सिर्फ झमाझम रनों की बारिश से ही काम नहीं चलेगा. बता दें कि मंगलवार को फिरोजशाह कोटला मैदान में मेजबान दिल्ली टीम के खिलाफ 40 गेंदों में 4 चौकों और 1 छक्के से युवराज सिंह ने बिना आउट हुए 50 रन बनाए. वैसे युवराज की फॉर्म एक सवाल जरूर खड़ा करती है कि क्या बीसीसीआई जल्द ही ऐलान होने वाले सालाना अनुबंध कि किसी भी एक श्रेणी (ए, ए+, बी, सी) में से किसी एक में युवराज सिंह को जगह देगा? यही बात युवराज सिंह का भविष्य तय करेगी.