लालू यादव के जेल जाने से पहले उनके दो सेवक एक मामूली मारपीट के मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल पहुंचने के मामले का खुलासा होते बिहार की राजनीति गर्म होते दिखाई दे रही है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने लालू प्रसाद और उनके परिवार पर दो निर्दोष लोगों को अपराध में धकेलने का आरोप लगाया है. लालू प्रसाद की जेल में सेवा करने के लिए अपराधी बन जाना ये सामंती सोच है. लालू प्रसाद गरीबों के नेता होने का नाटक करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि लालू परिवार ने अपने सेवकों से जान बूझकर अपराध कराया है. ऐसा करना भी एक अपराध है. इससे पहले भी लालू प्रसाद के जेल जाने पर सेवादार मदन यादव जेल पहुंच गया था.
आपको बता दें कि लक्ष्मण महतो और मदन यादव नाम के दो शख्स इस समय समय रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं और लालू प्रसाद यादव की पूरी देखरेख और सेवा में जुटे हैं. लेकिन इन दोनों के जेल में पहुंचने की कहानी दिलचस्प है. सुमित यादव नाम के एक शख्स ने मदन और लक्ष्मण के खिलाफ मारपीट और दस हज़ार रुपये छीनने का मामला दर्ज कराया. ये मामला रांची की डोरडा थाने पहुंचा. लेकिन वहां के थाना प्रभारी ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया. इस पर सुमित ने एक दूसरे थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. इसके बाद लक्ष्मण और मदन ने कोर्ट में सरेंडर किया. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
मदन रांची के निवासी हैं और डेयरी का कम करते हैं. पिछली बार भी रांची जेल में जब लालू यादव बंद थे तब वो ऐसे ही किसी मामले में जेल पहुंच गए थे. वहीं लक्ष्मण लालू के ख़ास सेवक हैं जो उनके खाने से लेकर दवा तक का पूरा ध्यान रखते हैं.आपको बता दें कि लक्ष्मण वही शख़्स हैं जो पिछले साल एक टीवी चैनल के ऑडियो क्लिप में थे और उन्हीं के मोबाइल पर जेल में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने लालू यादव से बातचीत करने के लिए फोन किया था. निश्चित रूप से इन दोनों के जेल में रहने से लालू यादव के परिवार के लोग उनके खाने और दवा को लेकर चिंतित न हों. लेकिन, उनके वकीलों के अनुसार जब ज़मानत के लिए वो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डालेंगे तब इसका उल्टा असर पर सकता है