भोपाल. राजधानी में भी अब प्रेस एंड पे-पेमेंट का चलन बढ़ रहा है। बीते साल के मुकाबले इसमें सौ फीसदी की बढ़त हुई है। अब रोजाना 20 करोड़ रुपए का पेमेंट इसके जरिए हो रहा है। सभी बैंकों ने भीम एप को इस पेमेंट सिस्टम के अनुकूल बनाकर उसे भीम आधार का नाम दे दिया है। इसमें यूनिक आईडेंटिफिकेशन आथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) की अहम भूमिका हो गई है।
इस तरह के पेमेंट के लिए बैंक फिंगर प्रिंट रीडर व्यापारियों को दे रहे हैं। यूआईडीएआई के एप्रूवल के बाद ही बैंक इस तरह के पेमेंट की अनुमति देता है। राजधानी में अभी रोजाना कारोबार के कुल लेनदेन में 20% कैशलेस ट्रांजेक्शन होते हैं। इसमें कार्ड से पेमेंट का हिस्सा 80% है। यूपीआई और आधार के जरिए होने वाले पेमेंट कैशलेस ट्रांजेक्शन अभी केवल 20% यानी 20 करोड़ रुपए है। बैंकों का मानना है कि अगले दो सालों में ज्यादातर कैशलेस ट्रांजेक्शन कार्ड के बिना फिंगरप्रिंट रीडर के जरिए ही होंगे।बैंक व्यापारियों से पाइंट ऑफ सेल (पॉस) मशीन से होने वाले बड़े पेमेंट पर 1.5% तक शुल्क लेते हैं, लेकिन भीम आधार के जरिए पेमेंट पूरी तरह से नि:शुल्क है। साथ ही पेंमेंट करने वाले को कैशबैक भी मिल रहा है। 3 दिन पहले जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में दिसंबर में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर 14.54 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए हैं। ट्रांजेक्शन वैल्यू ~1568 करोड़ से 8 गुना बढ़कर ~13144 करोड़ हो गई है। इससे अब तक 67 बैंक जुड़ चुके हैं।
भीम आधार में इस तरह होंगे पेमेंट
ग्राहक को एप्लीकेशन डाउनलोड करने की जरूरत नहीं। मर्चेंट को एक एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगी। ग्राहक पहले अपना आधार नंबर देगा। मर्चेंट जैसे ही आधार नंबर डालेगा यूआईडीएआई का सर्वर एक्टिव हो जाएगा। वह इस नंबर को वेरिफाइ कर पेमेंट आगे बढ़ाने की परमिशन देगा। इसके बाद ग्राहक थंब इंप्रेशन देगा। यह थंब इंप्रेशन यूआईडीएआई के सर्वर पर जाएगा। यूआईडीएआई थंब इंप्रेशन और आधार नंबर के जरिए ग्राहक की पहचान करेगा। इसके बाद यूआईडीएआई और बैंक के बीच में पेमेंट सेटलमेंट कराने वाली एजेंसी एनपीसीआई पेमेंट सेटल कर देगी।
भीम आधार पेमेंट सिस्टम के फायदे
ग्राहक को अपने बैंक खाते और आईएफएससी कोड की डिटेल पेमेंट के दौरान नहीं देनी होगी।
न ही एप डाउनलोड करके उसे अपने खाते से लिंक कराने की जरुरत होगी।
-केवल एक थंब इंप्रेशन देना होगी। ऐसे में उससे जुड़ी सारी डिटेल पूरी तरह सुरक्षित रहेगी।
फिंगर प्रिंट रीडर रजिस्टर्ड होगा वह भी यूआईडीएआई के पास।
काफी सुरक्षित है भीम आधार:आधार आधारित पे सिस्टम तेजी से लोकप्रिय होंगे। ये कैशलेस लेन देन को बढ़ाएंगे। चूंकि यह व्यापारी और ग्राहक दोनों के लिए फायदेमंद होने के साथ ज्यादा सुरक्षित है। इसलिए चरणबद्ध तरीके से पेमेंट सिस्टम फिंगर पर शिफ्ट होगा। अगले पांच सालों में तो पूरा परिदृश्य ही बदल जाएगा।