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CM जयराम ठाकुर का कहना है कि अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली हिमाचल प्रदेश क्रिकेेट एसोसिएशन के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएं….

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि उनकी नजर में HPCA पर दर्ज अधिकांश मामले राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से दर्ज हैं, इसलिए ऐसे सभी केस सरकार वापस लेगी। मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रेस वार्ता को संबोधित कररहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जानते हैं कि उनकी सरकार से प्रदेश को काफी उम्मीदें हैं। इन उम्मीदों को पूरा करने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। पूर्व सरकार ने बेरोजगारी भत्ते के नाम पर प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ छल किया। हम बेरोजगारी भत्ते को रिव्यू कर रहे हैं। खुद बेरोजगार युवा इस तरह का भत्ता नहीं चाहते। इसलिए अब तक महज 19 हजार को ही ये लाभ दिया गया।

CM ने कहा हम रोजगार पर फोकस करेंगे, भत्ते पर नहीं : हम रोजगार पर फोकस करेंगे, भत्ते पर नहीं। CM ने दोहराया कि पूर्व सरकार के समय आखिरी साल में तो हाल ये थे कि एक ही जगह पर 20-30 फट्टे एक साथ लगाकर घोषणाएं की गईं। इनमें से अधिकांश बिना बजट के थीं। इन सभी घोषणाओं की फाइलें मंगवाई हैं। इन पर नए सिरे से फैसला लिया जाएगा।

धर्मशाला को दूसरी राजधानी का दर्जा देने के सवाल पर जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी नजर में हिमाचल एक है। इसकी राजधानी भी एक। यहां सेकंड कोई नहीं। इसी भावना से बिना भेदभाव काम करेंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने पूर्व कांग्रेस सरकार के खिलाफ चार्जशीट दी थी। उसकी नि:संदेह जांच होगी और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। हां, ये सरकार बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पुलिस के प्रति लोगों में भरोसा बहाल करने के लिए कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना चुनौती है।

महिला हिंसा और अपराध को कम करने के लिए गुडिय़ा हेल्पलाइन और होशियार हेल्पलाइन जल्द शुरू होने वाली है, जिसकी निगरानी खुद CM ऑफिस करेगा। प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री के साथ नए सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक अनुपम कश्यप, CM के प्रधान निजी सचिव विनय सिंह और डीसी कांगड़ा संदीप कुमार भी मौजूद थे।

शीतकालीन प्रवास की परंपरा बदलेंगे जयराम

धर्मशाला। कांगड़ा जिला में सरकार के शीतकालीन प्रवास की परंपरा को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बदलने वाले हैं। मंगलवार को उनसे इस बारे में जब पूछा गया कि क्या आप भी इस बार प्रवास पर रहेंगे, जवाब था-कांगड़ा सर्दियों में ही क्यों? मैं पूरा साल भी तो आ सकता हूं। जयराम ने कहा कि वह परंपराओं का सम्मान करते हैं लेकिन एक जिला के लिए साल के दो महीने ही क्यों? बाकी 10 महीने भी तो हैं।

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