भोपाल।सेंसर बोर्ड से पदमावती फिल्म का नाम बदलकर पदमावत के नाम किए जाने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार अपने रुख पर कायम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि पदमावत को मध्य प्रदेश में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। राजधानी भोपाल में युवा दिवस पर आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पद्मावत फिल्म पर एमपी में बैन जारी रहेगा। चौहान ने 20 नवंबर को राजपूत समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद पद्मावती फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने का ऐलान किया था।
-मुख्यमंत्री ने कहा था कि फिल्म में तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा था कि गलत तथ्यों को हटाए जाने के बाद ही फिल्म के रिलीज पर विचार किया जाएगा। उन्होंने न सिर्फ अपने सूबे में फिल्म की रिलीज को बैन करने की घोषणा की है, बल्कि रानी पद्मावती को राष्ट्र माता का दर्जा भी दे दिया।वो शिक्षा प्रणाली में भी पद्मावती को प्रमुखता से शामिल करने जा रहे हैं।चित्तौड़ की रानी पद्मावती के पाठ को अगले शैक्षणिक सत्र से मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा।
क्या है पदमावत विवाद: पद्मावत फिल्म विवाद बढ़ा तो कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में रिलीज रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी, लेकिन कोर्ट ने कहाकि सेंसर बोर्ड ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में कोर्ट दखल नहीं दे सकता और ये एक तरह प्री जजमेंट की तरह होगा। इसके बाद बोर्ड ने फिल्म का नाम बदलकर पदमावत कर दिया था और रिलीज को हरी झंडी दिखा दी थी।
-बता दें कि वकील एम. एल. शर्मा ने याचिका दाखिल कर इस फिल्म से विवादित दृश्य हटाने के आदेश देने की मांग की थी। इसमें रानी पदमावती के बारे में फिल्म में दिखाए गए मनोरंजक दृश्यों को लेकर विवाद हो गया था। देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।