परिवहन विभाग से सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई फाइल को रोक दिया गया है। परिवहन मंत्री इस मामले पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ बात करेंगे। बताया जा रहा है कि पूर्व में ऐसे कई रूट तय किए गए हैं, जहां जरूरत नहीं है। ऐसे में इनकी जगह दूसरे रूट तय होंगे। सप्ताह के बाद ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।
पूर्व कांग्रेस सरकार ने इन बसों की खरीद की थी। बाकायदा रूट भी निर्धारित कर दिए गए, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से बसों को सड़क पर नहीं उतारा जा सका। ये इलेक्ट्रिक बसें प्रदेश के करीब 25 शहरों में चलाई जानी हैं।प्रत्येक शहर में एक से पांच तक बसें दी जानी हैं। परिवहन निगम ने रूट परमिट के साथ-साथ इन बसों का किराया तक तय कर दिया है। सरकार अब नए सिरे से कुछ रूट परमिट तय करने के साथ साथ किराया भी फिक्स करेगी।
परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि परिवहन विभाग की ओर से भेजे गए सेवन प्लस वन सीटर इलेक्ट्रिक बस के रूट परमिट की फाइल को जांचा जा रहा है। इसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक बसें करीब ढाई महीने से सड़क पर खड़ी हैं। हर महीने परिवहन महकमे को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। निगम की मानें तो पेट्रोल पंप पर इन बसों की बैटरियों को चार्ज किया जाएगा।