हिमाचल प्रदेश के 151 मेधावी विद्यार्थियों को एसजेवीएन रजत जयंति मेरिट छात्रवृत्ति पुरस्कार प्रदान किए। छात्रवृत्ति के लिए पात्र छात्र-छात्राओं प्रत्येक को प्रमाण-पत्र तथा 24 हजार रुपये के चेक प्रदान किए। यह राशि उन्हें डिग्री अथवा डिप्लोमा कोर्स पूरा करने तक हर साल प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर अपने संबोधन में आचार्य देवव्रत ने मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजना आरम्भ करने की एसजेवीएन की पहल की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि आपसी सद्भाव और अच्छे सम्बंध एक बेहतर समाज का निर्माण करने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्थान में योगदान करना हमारा सामाजिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि देश के विकास में ऊर्जा क्षेत्र के महत्व को देखते हुए बिजली की क्षमता के अधिक से अधिक दोहन के लिए विभिन्न पहल तथा अभियान चलाए जा रहे हैं जिसमें एसजेवीएन महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और इसके लिए यह प्रशंसा का पात्र है।
पुरस्कार विजेता छात्रों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें अपने माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और उनकी प्रेरणा का स्त्रोत होना चाहिए, साथ ही उनका मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों से देश सेवा में योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने चिन्ता जाहिर की कि हालांकि हमने समाज में हर भौतिक विकास को हासिल कर लिया है, लेकिन मानवीय व नैतिक मूल्यों में कमी आई है। उन्होंने बेहतर जीवन यापन के लिए भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाने और महान लोगों की आत्मकथाएं पढ़ने तथा उन्हें अपना आर्दश बनाने का आग्रह किया।
आर्याच देवव्रत ने कहा कि बतौर राज्यपाल उन्होंने राज्य में पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, नशामुक्त हिमाचल और शून्य लागत प्राकृतिक कृषि जैसे अनेक सामाजिक अभियान चलाए हैं। उन्होंने एसजेवीएन से हिमाचल को जैविक राज्य बनाने के लिए शून्य लागत प्राकृतिक कृषि अभियान में शामिल होने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि देश की 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है जिनमें अपार क्षमता और प्रतिभा है। उन्होंने कहा कि युवा राष्ट्र की वास्तविक पूंजी है क्योंकि वे देश के भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि उनकी ऊर्जा को रचनात्मक उद्देश्यों में लगाना बेहद जरूरी है और ऐसा न करने पर उनकी विनाशकारी गतिविधियों में संल्पित होने की सम्भावना हो जाएगी जो सामाज के लिए हानिकारक साबित होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को मुख्यधारा में लाकर राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में भाग लेने और समाज में जागरूकता लाने के लिए सामाजिक अभियानों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
आचार्य देवव्रत ने युवा पीढ़ी को जीवन मे उन्नति के लिए नशे से दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने और प्रतिस्पर्धी भावना को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य व देश के लिए ख्याति अर्जित करने के लिए सक्षम होने को प्रोत्साहित किया। राज्यपाल ने राज्य में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक उत्थान की दिशा में एसजेवीएन के योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निदेशक मण्डल की समिति के अध्यक्ष श्री गणेश दत्त ने कहा कि समय-समय पर शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्रों में विभिन्न पहलों को लागू करके सामाजिक जिम्मेदारी निर्वहन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने एसजेवीएन फाउंडेशन की गतिविधियों तथा जल विद्युत क्षेत्र में इसके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के दिशा-निर्देशानुसार एसजेवीएन ने नशा निवारण के विरूद्ध अभियान चलाया है और गौ-सरंक्षण तथा जैविक कृषि को भी अभियान में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी तथा सफलता हासिल करने के लिए कठिन परिश्रम करने का आग्रह किया।
इससे पूर्व, अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक श्री नंदलाल शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। छात्रवृत्ति योजना के विभिन्न पहलुओं की जनकारी देते हुए उन्होंने कहा कि योजना वर्ष 2012-13 में आरम्भ की गई थी और अभी तक कुल 1137 विद्यार्थियों को लाभन्वित किया जा चुका है। इस वर्ष योजना में 250 छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है जिसमें 151 हिमाचल प्रदेश से हैं। उन्होंने कहा कि जल विद्युत दोहन के अलावा एसजेवीएन स्वास्थ्य, शिक्षा, ढांचागत विकास तथा अन्य क्षेत्रों में भी सामाजिक जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है। उन्होंने कहा कि एसजेवीएन ने सीएसआर के माध्यम से सामाजिक गतिविधियों पर पिछले छः वर्षो के दौरान लगभग 165 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है। महाप्रबन्धक (सीएसआर) श्री डी.पी. कौशल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।राज्यपाल के सचिव श्री राजेश शर्मा, एसजेवीएन के निदेशक व अधिकारीगण, मेधावी विद्यार्थी तथा उनके अभिभावक भी समारोह में मौजूद रहे।