छोटे न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक निःशुल्क कानूनी सहायता का प्रावधान
हि.प्र. राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण व जिला विधिक सेवा प्रधिकरण द्वारा जिला शिमला के सुन्नी में आज एक विशाल राज्य स्तरीय विधिक सेवाए शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने किया। इस अवसर पर मुख्य न्यायधीश हि.प्र. उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति श्री संजय करोल विशेष रूप से उपस्थित रहे।शिविर में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा लोगों के कल्याण के लिए कार्यन्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र लोगों का मौके पर पंजीकरण भी किया गया। शिविर में 15 विभागों ने विभागीय गतिविधियों व उत्पादों के स्टॉल भी प्रदर्शित किए।
निःशुल्क विधिक सेवाएं प्रदान करवाने के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गई थी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के नए मॉडउल के तहत लगाए गए शिविर का उद्देश्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी एक छत नीचे प्रदान करना है। निःशुल्क विधिक सहायता के अर्न्तगत निःशुल्क कानूनी सहायता छोटे न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक प्रदान करने का प्रावधान है। एक लाख वार्षिक आय सीमा तक के सभी नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला, नाबालिग व दिव्यांगजनों को निःशुल्क कानूनी सहायता का प्रावधान है। सहायता प्राप्त करने के लिए टोल-फ्री नम्बरः 15100 पर डायल किया जा सकता है।
कृषि विभाग की जानकारी देते हुए राज्य में जैविक खेती के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। पॉलीहाऊस पर 85 प्रतिशत अनुदान, ग्रीन हाऊस के नवीकरण पर 50 प्रतिशत, सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं पर 80 प्रतिशत, जल स्त्रोतों के सृजन पर 50 प्रतिशत व मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना पर 80 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है।उद्योग विभाग की योजनाओं के अर्न्तगत हि.प्र. मुख्यमंत्री र्स्टाटप योजना में इनोवेशन के लिए 25 हजार रुपये प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री राजगार गारंटी कार्यक्रम के अर्न्तगत 25 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान किए जा रहे है जिस पर 25 से 35 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। ग्रामीण स्तर के कार्यक्रम अर्न्तगत युवाओं के कौशल उन्ययन के लिए 2400 रुपये मासिक वजीफा दिया जा रहा है। ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए विशेष रूप से मनरेगा पर चर्चा की गई। मनरेगा के अर्न्तगत भारत सरकार ने 135 कार्य निश्चित किए हैं। कार्यों का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाता है। इसके अतिरिक्त स्वच्छ भारत मिशन, जलागम कार्यक्रम, मुख्यमंत्री आवास योजना तथा अन्य आवास योजनाओं के बारे में विभिन्न जानकारी प्रदान की गई।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में वृद्धजनों को लाभान्वित करने के लिए बिना आय की सीमा से प्रदान की जाने वाली वृद्धावस्था पैंशन की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटा कर 70 वर्ष करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अर्न्तगत विधवाओं, बेसहारा व तलाकशुद्धा महिलाओं व आजीविका कमाने में असमर्थ व्यक्तियों के परिवारों की लड़कियों के विवाह के लिए 40 हजार रुपये जबकि नारी सेवा सदन की प्रवासियों को 51 हजार रुपये वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। विधवा पुर्नविवाह की प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये की जा रही है। महिला स्वयं राजगार योजना के अर्न्तगत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक मुश्त पांच हजार रुपये की सहयता प्रदान की जा रही है।
इसी प्रकार बेटी है अनमोल योजना, बाल-बालिका सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री बाल उधार योजना, किशोरी शक्ति योजना तथा प्रधानमंत्री मातृ बन्दना योजनाओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
पशुपालन विभाग योजनाओं की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अर्न्तत स्वरोजगार कार्यक्रम, कुकुट पालन योजना, बीपीएल कृषक, बकरी पालन योजना, उत्तम पशु पुरस्कार योजना, गौ सदन, पशु चिकित्सा कार्य, राष्ट्रीय कृषि कार्यक्रमों की विभिन्न जानकारी प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त हिमऊर्जा, श्रम एवं रोजगार हि.प्र. कौशल विकास निगम, कृषि, बागवानी विभागों के अधिकारियों द्वारा उनके विभागों से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।
नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से स्वास्थ्य के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की गई।इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री वीरेन्द्र सिंह, हि.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव यशवंत सिंह चोगल तथा जिला न्यायधीश, विभिन्न विभागों के अधिकारी, पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में सुन्नी क्षेत्र के लोग उपस्थित थे ।