छह आयु वर्ग में सर्वे, 30 से 34 साल में अधिक विवाह
सरकारी एजेंसी ने सर्वे को छह आयु वर्ग में बांटा। कम उम्र में विवाह के मामले देखने के लिए सर्वे की पहली आयु सीमा 15 से 19 साल तय की गई। फिर ये आयु सीमा 20 से 24, 25 से 29, 30 से 34, 35 से 39 और 40 से 44 आयु वर्ग तक रखी गई। हिमाचल प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे किया गया।
सर्वे के मुताबिक अभी अधिकांश विवाह बड़ी आयु में हो रहे हैं, लेकिन 15 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बीच भी प्रति एक हजार में से 5.23 फीसदी लडक़े-लड़कियों की शादी हो रही है। सरकारी एजेंसी आर्थिकी व सांख्यिकी विभाग ने ये सर्वे वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाकर किया है।
सामाजिक विज्ञानियों के अनुसार इसका कारण रोजगार की चिंता है। साथ ही लड़के-लड़कियां उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हुए हैं। उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए बहुत से युवा प्रदेश से बाहर भी जाते हैं। मां-बाप भी बच्चों को शादी से पहले अपने पैरों पर खड़ा देखना चाहते हैं। फिर सामाजिक चेतना भी आई है कि कम आयु में विवाह से नुकसान अधिक हैं। लड़की का कम उम्र में मां बनना आगे चलकर कई शारीरिक परेशानियों को जन्म देता है। कुल मिलाकर समाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक कारणों से भी विवाह की आयु सीमा बढ़ी है।
कुछ ऐसे रहे सर्वे के परिणाम
- 15-19 वर्ष के आयु वर्ग में 35,925 के विवाह हुए व विवाह प्रतिशत 5.23 रहा।
- 20-24 वर्ष के आयु वर्ग में 2,26,721 के विवाह हुए व विवाह प्रतिशत 33.03 रहा।
- 25-29 वर्ष के आयु वर्ग में 4,23,783 के विवाह हुए व विवाह प्रतिशत 61.73 रहा।
- 30-34 वर्ष के आयु वर्ग में 4,95,676 के विवाह हुए व विवाह प्रतिशत 72.21 रहा।
- 35-39 वर्ष के आयु वर्ग में 4,88,620 के विवाह हुए व विवाह प्रतिशत 71.18 रहा।
- 40-44 वर्ष के आयु वर्ग में 4,17,222 के विवाह हुए व विवाह प्रतिशत 60.78 रहा।
(सर्वे के अनुसार सबसे अधिक विवाह 30 से 34 साल की आयु में हुए)