इज़रायल का बेबी मोशे भारत पहुंच गया है. मोशे अपने दादा रब्बी होल्ज़टबर्ग नचमैन का हाथ पकड़कर एयरपोर्ट से बाहर निकला. उसके दादा ने कहा कि मैं पहले भी कई बार मुंबई आ चुका हूं. उन्होंने कहा कि मोशे खुश है. उन्होंने कहा कि यह बहुत स्पेशल डे है और भगवान का शुक्र है मोशे दोबारा से यहां आया. उन्होंने कहा कि मुंबई पहले से काफी सुरक्षित है. बेबी मोशे मुंबई में नरीमन हाउस के साथ-साथ गेटवे ऑफ़ इंडिया और ताज होटल घूमने जाएगा. 26/11 मुंबई हमले में बेबी मोशे ने अपने माता-पिता को खो दिया था. उस समय वो सिर्फ़ 2 साल का था. बेबी मोशे अपने माता-पिता के साथ नरीमन हाउस में रूका था. उस हादसे के बाद ये पहली बार है जब बेबी मोशे भारत आ रहा है. अपने पिछले इज़रायली दौरे के दौरान पीएम मोदी बेबी मोशे से मिले थे. मोशे की मां रिवका और पिता गैवरूल होल्त्जबर्ग की मुंबई आतंकी हमले में दर्दनाक मौत हो गई थी. 2008 में हुए इस हमले में उसकी मां और पिता समेत छह अन्य इस्राइली नागरिकों की मौत हो गई थी.
क्या हुआ था उस रात
बेबी मोशे और उसके इस्राइली माता-पिता मुंबई के नरीमन हाउस (अब चबाड हाउस) में रहते थे. सैंड्रा सैमुअल मोशे की आया के तौर पर काम करती थीं. 2008 में 26 नवंबर को मुंबई पर लश्कर तैयबा के हमले में नरीमन हाउस को भी निशाना बनाया गया. सैंड्रा सैमुअल ने उस रात की सारी घटना एक इंटरव्यू में बताई थी. उन्होंने कहा कि उनके अपने दो बेटों से मिलने वह हर बुधवार को जाती थीं लेकिन उस रात वह नहीं गई थीं. उनका कहना था कि भगवान ने उन्हें उस रात वहां ठहरने को मजबूर किया क्योंकि उसे पता था कि क्या होने वाला है. सैंड्रा ने बताया कि जब उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी तो, उन्होंने नीचे का फोन उठाया, ऊपर से ढेर सारी आवाजें आ रही थीं.
उन्होंने फोन का तार निकाल दिया और लॉन्ड्री रूम में जाकर छिप गईं. वह कहती हैं मुझे कुछ समझ नहीं आया. मैं तब निकली जब अगली सुबह बेबी मोशे की आवाज आई. मैं ऊपर कमरे में गई. मैंने देखा मोशे के माता-पिता खून में लथपथ थे. उनकी मौत हो चुकी थी. बेबी मोशे उनके पास बैठा हुआ था. मैंने चुपचाप उसे उठाया और बिल्डिंग से बाहर भागकर अपनी और उसकी जान बचाई.