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इस एक वजह से 25 जनवरी को रिलीज हो रही है भंसाली की ‘पद्माव….

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25 जनवरी को रिलीज होने वाली संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर विवाद जारी है. अब एक एक कर कई राज्य फिलम को बैन कर रहे हैं. राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश के बाद अब हरियाणा की खट्टर सरकार ने भी फिल्म को बैन करने की आधि‍कारिक घोषणा कर दी है. इसके अलावा और भी कई राज्यों में ये फिल्म बैन हो सकती है. इससे साफ है कि फिल्म पद्मावत को बॉक्स ऑफिस पर घाटे का सामना करना पड़ सकता है. जैसा कि 25 जनवरी की डेट पर अक्षय की पैडमैन की रिलीज पहले से तय है. अब इसी डेट पर संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावत’ भी रिलीज होने वाली है. यह बड़ा सवाल है कि बॉक्स ऑफिस पर अक्षय का बढ़िया ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए पद्मावत के मेकर्स ऐसा जोखिम क्यों मोल रहे हैं? 25 जनवरी को पैडमैन के सामने पद्मावत के रिलीज होने की मजेदार वजहें हो सकती हैं.1. या तो पद्मावती के निर्माताओं को इस बात का पूरा भरोसा है कि उनकी दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर के अभिनय से सजी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर पैडमैन और अय्यारी से कोई खतरा नहीं है. इसकी वजह भी है. दरअसल, पद्मावती पिछले चार-पांच साल के दौरान ऐसी एकमात्र हिंदी है जिसको लेकर एक लंबे समय से विवाद जारी है. यह फिल्म अपनी शूटिंग के दौरान से ही लोगों की दिलचस्पी और चर्चा का विषय बनी हुई है. जाहिर सी बात है कि फिल्म के बारे में ऐसी चर्चाओं का बॉक्स ऑफिस पर फायदा जरूर मिलता है.

लेकिन ऐसा भी नहीं है. पद्मावत के निर्माता भी किसी सुरक्षित डेट पर ही फिल्म रिलीज करना चाहते थे. दरअसल, निर्माताओं ने पद्मावती के लिए 1 दिसंबर की जो डेट तय की थी वो एक तरह से सुरक्षित तारीख थी. उन्होंने बड़ी फिल्मों से एक वीक गैप बनाया हुआ था. बताना दिलचस्प होगा कि इस डेट के दो हफ्ते बाद ही सलमान स्टारर साल की बड़ी फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ की रिलीज तय थी.पद्मावत का बजट करीब 180 करोड़ रुपये है. फिल्म को लेकर जिस तरह के विवाद हुए हैं निर्माता नहीं चाहते कि उसकी छाया फिल्म के प्रदर्शन पर पड़े. यानी एक सुरक्षित माहौल में फिल्म का प्रदर्शन निर्माताओं के लिए बड़ी बात है. जैसा कि कई राज्यों में फिल्म बैन की जा चुकी है और करणी सेना जैसे संगठनों की ओर से सिनेमाघरों पर हमले और प्रदर्शन की धमकियां दी जा रही हैं. फिल्म के खिलाफ जिस तरह के विरोध का माहौल है उसमें निर्माताओं के लिए 25 या 26 जनवरी की तारीख ही सबसे सुरक्षित थी.

गणतंत्र दिवस होने की वजह से इन डेट्स के आस-पास फिल्म के खिलाफ किसी संगठन का हिंसक विरोध करना थोड़ा मुश्किल कार्य है. दरअसल, सार्वजनिक अवकाश होने की वजह से इस दिन सड़कों पर मूवमेंट आमतौर पर कम ही होता है. CCTV एक्टिव रहते हैं और हर मूवमेंट पर मुस्तैदी से नजर रखी जाती है. इस दौरान अधिकतम खासतौर से संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू रहता है. ऐसी स्थिति में प्रशासन को किसी अनावश्यक मूवमेंट का तुरंत पता चल जाता है. लोग भीड़ का फायदा नहीं उठा सकते. दूसरी ओर नागरिकों का सेंटिमेंट भी इस दौरान देशभक्ति वाला ही रहता है. ऐसे माहौल में सुरक्षा लगभग निश्चिंत करने वाली रहती है. करणी सेना जैसे संगठनों ने जिस तरह की धमकियां दी हैं कहीं न कहीं 25 जनवरी के दिन अघोषित सुरक्षा की गारंटी निर्माताओं को पद्मावत रिलीज के लिए मजबूर कर रही है चलते-चलते यह भी बता दें कि पद्मावत की रिलीज की वजह से पैडमैन की डेट शिफ्ट होने की खबरें थीं. जिसे पैडमैन के निर्माताओं ने खारिज कर दिया है. दूसरी ओर नीरज पांडे की फिल्म अय्यारी फरवरी में शिफ्ट हो गई है.

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