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किसान समर्थक नेताओं ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से किसानों के लिए मध्यप्रदेश जैसा मॉडल नहीं बनाये…

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उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिसमें किसानों को उनकी उपज का सही दाम ही नहीं मिल पाए। सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, सांसद राजू शेट्टी, पूर्व विधायक डॉक्टर सुनील व वीएम सिंह ने कहा कि यह बात सही है कि कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश मॉडल बन रहा है, यह राज्य उत्पादन के लिए कई कृषि कर्मण पुरस्कार पा चुका है, मगर उत्पादक मरता रहे, इसकी उसे चिंता नहीं है। किसानों की समस्या से न निपटने का भी यह राज्य मॉडल बन रहा है। इतना ही नहीं, यह राज्य एक ऐसा मॉडल भी बना रहा है, जिसमें किसानों को उचित दाम ही न मिले।अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने आए यादव ने देश के वित्तमंत्री अरुण जेटली से आग्रह किया कि वे किसानों के लिए मध्यप्रदेश जैसा मॉडल न बनाएं। ऐसा हुआ तो किसानों का बड़ा अहित हो जाएगा। भावांतर योजना उसका उदाहरण है। यह योजना किसान नहीं व्यापारियों के लिए है। यादव व सांसद राजू शेट्टी ने मध्यप्रदेश की भावांतर भुगतान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऐसी योजना है, जिसमें किसान का हित नहीं है, बल्कि व्यापारी को फायदा है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस दिन यह योजना घोषित की, उसी दिन उपज के दाम काफी गिर गए। सरकार ने मॉडल रेट तय किया, मगर किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि उपज उतने दाम में नहीं बिकी, जितने में योजना से पहले बिक रही थी। योजना खत्म होते ही उपज के दाम बढ़ गए।

उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की तमाम सरकारें किसान विरोधी रही हैं, इसमें देश और प्रदेश दोनों की सरकारें शामिल हैं। आज की मोदी सरकार देश के इतिहास की सबसे घोर किसान विरोधी सरकार है, इसका आशय यह नहीं है कि अन्य सरकारें किसान हितैषी रही हैं। किसानों को निराश करने में इस सरकार ने मगर सारे रिकार्ड तोड़ दिए।

योगेंद्र ने कहा कि इस सरकार के दावे कुछ और हकीकत कुछ और है। इस सरकार ने कृत्रिम खाद किल्लत बनाई, किसानों की जमीन छीनने की कोशिश की। इनकी आयात और निर्यात नीति गड़बड़ है, जिससे किसान को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा फसल बीमा योजना किसानों के साथ मजाक है। सूखे की समस्या को जिस तरह से देखा गया, वह इससे पहले 1960 में देखने को मिला था।एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि उनकी लड़ाई किसान हित में है, इस मंच पर कोई भी आ सकता है, मगर एक शर्त है कि उसे यह कहना होगा कि वर्तमान सरकार ने किसानों से धोखा किया है, फिर चाहे वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही क्यों न हो।उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह मंच किसी चुनाव के लिए नहीं है, यह विभिन्न विचार वालों, दलों, झंडों के लोग जुड़े हुए लोगों का है। जो भी संगठन, दल या झंडे वाला किसानों की हित की बात करेगा, वर्तमान सरकार को किसानों को धोखा देने वाला कहते हुए सड़क पर उतरेगा तो उसका हम साथ देंगे, फिर चाहे उसे राजनीति ही क्यों न समझा जाए।

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