फिल्म का नाम : वोदका डायरीज
डायरेक्टर: कुशल श्रीवास्तव
स्टार कास्ट: के के मेनन, मंदिरा बेदी, शारिब हाशमी, रायमा सेन
अवधि: 1 घंटा 57 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 1.5 स्टार
कुशल श्रीवास्तव ने विज्ञापन की दुनिया में बहुत सारा काम किया है. वो पहली बार ‘वोदका डायरीज’ से फिल्म डायरेक्शन में कदम रख रहे हैं. इस फिल्म का ट्रेलर काफी दिलचस्प रहा है. आखिर कैसी बनी है यह फिल्म, आइए समीक्षा करते हैं.
कहानी
फिल्म की कहानी मनाली (हिमाचल प्रदेश) में बेस्ड है, जहां एसीपी अश्विनी दीक्षित (केके मेनन) अपनी पत्नी शिखा दीक्षित के साथ रहता है. अश्विनी के मातहत अंकित (शारिब हाशमी ) काम करता है. अचानक से सिलसिलेवार घटनाओं के अंतर्गत बहुत सारे क़त्ल होने लगते हैं और शक की सुई अलग-अलग लोगों के ऊपर जाने लगती है. क़त्ल के पीछे का सच जानने के लिए अश्विनी अपनी टीम के साथ शिनाख्त में लग जाता है. कहानी में बहुत से अलग किरदारों की एंट्री भी होती हैं. अब क्या अश्विनी सच्चाई का पता लगा पता है, क्या ट्विस्ट टर्न्स आते हैं, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चल पाएगा.
कमज़ोर कड़ियां
फिल्म कमजोर कड़ी इसकी कहानी है. ख़ास तौर पर फ़्लैश बैक और प्रेजेंट डे बार-बार आपको कन्फ्यूज करते हैं कि आखिरकार हो क्या रहा है. हालांकि कहानी का वन लाइनर बहुत बढ़िया है कि मर्डर के पीछे कारण क्या है? इसको अच्छी लिखावट और संवादों के माध्यम से सजाया जा सकता था. फिल्म का फर्स्ट हाफ ठीक-ठाक है, लेकिन जैसे ही क्लाइमेक्स आता है, आपके जेहन में एक बात चलती है कि इससे बेहतर एंडिंग की जा सकती थी. फिल्म का कोई गीत भी रिलीज से पहले हिट नहीं हो पाया है.
क्यों देख सकते हैं फिल्म
फिल्म में केके मेनन का अभिनय काफी दिलचस्प है. उनका किरदार निभाना आसान काम नहीं है. लेकिन केके ने बड़ी सहजता से अच्छा काम किया है. मंदिरा बेदी ने भी अच्छा काम किया है. शारिब हाशमी, रायमा सेन के साथ-साथ बाकी किरदारों की कास्टिंग भी अच्छी है. फिल्म के लोकेशन कमाल के हैं और कैमरा वर्क बढ़िया है.
बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट महज 5 करोड़ बताया जा रहा है. इसे 500 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है. देखना दिलचस्प होगा कि फिल्मों की भीड़ में इसकी रिकवरी कितनी आसान या मुश्किल है.