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एमओयू ने किया साइन हिमाचल में बागवानी विकास के लिए खर्च होंगे इतने हजार करोड़, ….

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हिमाचल में बागवानी विकास के क्षेत्र में आने वाले समय में क्रांति आने वाली है। प्रदेश में 1134 करोड़ रुपये की बागवानी विकास परियोजना से सेब उत्पादन से लेकर अन्य फलों की पैदावार बढ़ाई जाएगी। विश्व बैंक से स्वीकृत इस परियोजना में न्यूजीलैंड सरकार हिमाचल को तकनीकी सहयोगी देगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से न्यूजीलैंड की उच्चायुक्त जोआना कैम्पकर्स ने शुक्रवार को सरकारी आवास ओकओवर में मुलाकात कर बागवानी एवं उद्योग से संबंधित मामलों पर तकनीकी ज्ञान प्रदान करने पर चर्चा की।

इससे पहले न्यूजीलैंड इंस्टीट्यूट फॉर प्लांट एंड फूड रिसर्च के विशेषज्ञ दल के साथ हिमाचल प्रदेश बागवानी परियोजना के अधिकारियों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। मुख्यमंत्री ने विदेशी प्रतिनिधिमंडल को प्रदेश के मंडी, चंबा व सिरमौर आदि जिलों में बागीचों के विस्तार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उच्च तकनीक बागवानी के रोड मैप से न केवल बागवानी के क्षेत्र में क्रांति आएगी बल्कि बागवानों का भविष्य भी समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड में प्रति हैक्टेयर उच्च गुणात्मक सेब उत्पादन से प्रति हेक्टेयर लगभग 65 मीट्रिक टन, जबकि हिमाचल में 6 से 7 मीट्रिक टन का उत्पादन हैन्यूजीलैंड ने मौसम बदलाव से फल उत्पादन को आधुनिक तकनीक से जिस तरह पार पाया है उसका लाभ अब हिमाचल को भी मिलेगा। न्यूजीलैंड की उच्चायुक्त ने कहा कि न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों के साथ अनुबंध का निर्णय हमारे विश्व स्तरीय बागवानी उद्योग को मान्यता देता है।

बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के छोटे व मंझौले किसानों की आर्थिक स्थिति के सुधार पर ध्यान दे रही है। प्रदेश में लगभग 85 प्रतिशत कुल फल उत्पादकों में 33 प्रतिशत महिला किसान भी शामिल हैं।इससे मुख्यमंत्री ने गणमान्यों को हिमाचली टोपी व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर जोआना कैम्सकर्स के साथ रिजर्नल एग्रीकल्चर एटाचे नील कैंनिंगटन, वरिष्ठ व्यवसायिक प्रबंधक सुधा पालीट और वरिष्ठ नीति सलाहकार देबरशि दास गुप्ता भी मौजूद रहे।

वहीं हिमाचल के मंडी सांसद राम स्वरूप शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव मनीषा नंदा भी मौजूद रही।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दिल्ली से शिमला लौटकर आए हैं। हिमाचल लौटने से पहले सुबह उनकी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने प्रदेश के सियासी हालात के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र से मिलने वाले सहयोग पर चर्चा की। नाश्ते पर दोनों नेताओं की हुई मुलाकात को प्रदेश में निगम और बोर्डों में होने वाली राजनीतिक तैनातियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर प्रदेश में सियासी माहौल गर्माया है। नड्डा कैंप के करीबी भी राजनीतिक तैनातियों में तरजीह चाहते हैं।

जयराम और नड्डा की मुलाकात के बाद प्रदेश में सियासी बाजार गर्म है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दो दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली गए थे। वीरवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री से विशेष मदद की मांग जयराम ने रखी। शिमला लौटने से पहले सुबह नाश्ते पर जयराम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आवास पहुंच गए। मुलाकात को अधिकारिक से अधिक राजनीतिक माना जा रहा है। दिल्ली जाने से पहले जयराम ने निगम और बोर्डों में उपाध्यक्ष तैनात करने की प्रक्रिया शुरू की थी। राजनीतिक तैनातियों को लेकर जयराम के निर्णय का सभी को इंतजार है। नड्डा के साथ एक घंटा से अधिक चली मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री शिमला लौट आए।

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