ऊना। प्रदेश संघ जिलाध्यक्ष विकास रत्न ने कहा कि पीजीटी पदनाम को अविलंब समाप्त कर स्कूल प्रवक्ता पदनाम को बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि पदनाम का यह मसला स्कूल प्रवक्ताओं के मान-सम्मान से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुबंध और पैरा टीचरों को तीन, पांच, छह, नौ और 12 वर्ष की अवधि में नियमित किया है।
इसलिए सभी के लिए समान नीति को अपनाते हुए तीन वर्ष को अनुबंध पीरियड मानकर शेष समय को नियमित में मानकर कर उनके वित्तीय लाभ और वरिष्ठता दी जाए। यह अनुबंध और पैरा टीचरों का जायज हक है। 4-9-14 का लाभ हर पदोन्नति पर दिया जाए। अनुबंध से नियमित के समय 4200 की बजाय 5400 ग्रेड पे दिया जाए। उन्होंने पीएचडी, एमफिल और एमएड के डिग्री धारक शिक्षकों को विशेष इंक्रीमेंट दी जाए। स्कूल कैडर से कॉलेज के पात्र प्रवक्ताओं को अनुबंध की बजाय नियमित नियुक्तियां दी जाएं। इनका पिछला सेवाकाल भी आगामी पदोन्नति के लिए जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर स्कूल प्रवक्ता संघ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार की अगुवाई में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा सचिव डॉ. अरुण शर्मा से भी मुलाकात करेगा। संघ के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद बन्याल, महासचिव सुरेंद्र सकलानी, जिला महासचिव अजयेंद्र सिंह, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सतपाल वशिष्ठ, निर्मल सिंह राणा, सुदर्शन कौशल, दिनेश कौंडल, निशा धीमान, सुनीता जरयाल, संतोख परमार, रमन भारद्वाज, राम गोपाल डोगरा, रमन विज, किरणकांता, नीरज सौंध, नीरज शर्मा और अनिल ठाकुर उपस्थित रहे।