बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर ईटीओ कार्यालय सतौन में खोलने की अनुमति प्रदान की थी। लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही सतौन के नाम से ईटीओ दफ्तर को पांवटा में खोलने की तैयारी चल रही है।
शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ईटीओ कार्यालय सतौन में ही खुलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार से सतौन के लिए ईटीओ कार्यालय की स्वीकृति दिलवाई थी लेकिन अब भाजपा सरकार इसे पांवटा में खोलने जा रही है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। वह इस बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात करेंगे। सरकार ने इसे पांवटा में खोलने की कोशिश की तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। शिलाई विधायक का कहना है कि इलाके के लोगों को ईटीओ दफ्तर में काम करवाने के लिए पांवटा या नाहन जाना पड़ता है। यदि सतौन में कार्यालय खुलता है तो हजारों लोगों को फायदा होगा। अगर फिर भी प्रदेश सरकार ईटीओ कार्यालय सतौन में नहीं खोलती तो वे आंदोलन करने के लिए विवश हो जाएंगे।