माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है, इसी उपासना के पर्व को वसंत पंचमी कहते हैं. वर्ष के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसको ‘अबूझ मुहूर्त’ भी कहा जाता है. इसमें विवाह, निर्माण तथा अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं. ऋतुओं के इस संधिकाल में ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. इस वर्ष 22 जनवरी को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. वसंत पंचमी के दिन संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी लिया जा सकता है. अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है. जो लोग मूक अथवा बधिर हैं, उनके लिए भी आज मां शारदा की उपासना लाभकारी होगी
इस दिन पीले या सफेद वस्त्र धारण करें, काले या लाल वस्त्र नहीं तत्पश्चात पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें यह पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे में करें मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले तथा सफेद पुष्प अवश्य अर्पित करें – प्रसाद में मिश्री, दही और लावा समर्पित करें मां सरस्वती के बीज मंत्र “ॐ ऐं नमः” या “ॐ सरस्वत्यै नमः” का जाप करें मंत्र जाप के बाद प्रसाद ग्रहण करें जिन लोगों को एकाग्रता की समस्या होआज से नित्य प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ करें बुधवार को मां सरस्वती को सफेद फूल अर्पित किया करें
सोने या पीतल के चौकोर टुकड़े पर मां सरस्वती के बीज मंत्र को लिखकर धारण कर सकते हैं बीज मंत्र है “ऐं”इसको धारण करने पर मांस मदिरा का प्रयोग न करें इस देश में महिलाओं से ज्यादा कमाना हुआ कानूनन अपराधआज केसर अभिमंत्रित करके जीभ पर “ऐं” लिखवायें,किसी धार्मिक व्यक्ति या माता से लिखवाना अच्छा होगा
मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करें, और वर्ष भर उसी कलम का प्रयोग करें पीले या सफेद वस्त्र जरूर धारण करें, काले रंग से बचाव करें केवल सात्विक भोजन करें तथा प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें आज के दिन पुखराज, और मोती धारण करना अतीव लाभकारी होता है आज के दिन स्फटिक की माला को अभिमंत्रित करके धारण करना भी श्रेष्ठ परिणाम देगानिरोगी रहने के लिए वसंत पंचमी के दिन से हल्का और सादा आहार ग्रहण करें. इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा