आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को चुनाव आयोगद्वारा अयोग्य करार दिए जाने की संस्तुति और अब राष्ट्रपति द्वारा इसकी स्वीकृति मिलने के बाद मामले पर राजनीति जारी है. आम आदमी पार्टी ने सीधे तौर पर चुनाव आयोग पर कई आरोप मढ़ दिए. पार्टी ने यहां तक कहा कि चुनाव आयोग ने विधायकों को मौका ही नहीं दिया अपनी बात कहने का, और चुनाव आयोग ने लाभ के पद पर एकतरफ फैसला लिया है.
वहीं, पार्टी ने जहां चुनाव आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है और उम्मीद कर रही है कि वहां से उनके विधायकों को राहत मिल जाएगी. वहीं विपक्षी दल इस बात पर जुट गए हैं कि किस प्रकार यह साबित किया जाए कि आम आदमी पार्टी झूठ बोल रही है. उधर आप नेता अलग अलग मंचों से इस मामले में चुनाव आयोग पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं वहीं, अब बीजेपी ने एक ट्वीट के जरिये कहा है कि चुनाव आयोग से पार्टी विधायकों ने साफ कह दिया था कि वह सुनवाई में जो कुछ भी कह सकते थे वह कह चुके हैं.
दिल्ली बीजेपी ने एक अखबार की रिपोर्ट को साझा करते हुए कहा कि झूठ बोलना और संवैधानिक संस्थाओं पर बेबुनियाद आरोप लगाना AAP की आदत बन चुकी है. पार्टी ने कहा कि आम आदमी पार्टी का एक झूठ और उजागर हुआ है. पार्टी का दावा है कि अयोग्य ठहराए गए सभी विधायकों ने अपने-अपने जवाब में साफ-साफ कहा था कि उन्हें जो कुछ भी कहना था वह कह चुके हैं.उल्लेखनीय है कि पार्टी ने चुनाव आयोग के फैसले के तुरंत बात मुख्य चुनाव आयुक्त पर बीजेपी के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं, रिटायरमेंट से दो दिन पहले चुनाव आयुक्त के इस फैसले को पार्टी ने एक साजिश करार दिया.