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सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मान रही करणी सेना, पूरे देश में उग्र प्रदर्शन….

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फिल्म ‘पद्मावत’ का रिलीज रोकने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो जाने के बावजूद श्रीराजपूत करणी सेना झुकने के मूड में नहीं है। फैसला अपने पक्ष में फैसला नहीं आने पर सेना ने कहा कि फिल्म को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा।

सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने फैसले पर निराशा जताते हुए बताया कि अब हम जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा कि फिल्म को रोकने के लिए हम पहले ही जनता कर्फ्यू की घोषणा कर चुके हैं। इसके तहत जनता सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन रोकेगी। हमने सिनेमाघरों मालिकों और वितरकों से भी समर्थन और सहयोग मांगा है। संगठन की चित्तौड़गढ़ इकाई के अध्यक्ष ने दावा किया कि ‘जौहर’ करने के लिए पंजीकरण करा चुकीं 1908 महिलाएं तैयार बैठी हैं। ‘जौहर’ के स्थान पर लकड़ियां जमा कर दी गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘अब हम जनता की अदालत में खड़े हैं और हमें विश्वास है कि फिल्म का पूर्ण बहिष्कार करने में वह हमारा समर्थन करेगी।’ इस दौरान संगठन की चित्तौड़गढ़ इकाई के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि रानी पद्मावती के शहर के लोग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से निराश हैं। उन्होंने कहा, ‘हम चाहें तो हिसंक रास्ता अपनाकर लोगों और पर्यटकों को परेशान कर सकते हैं, लेकिन हमारी महिलाओं ने बिना किसी को परेशान किए जौहर करने का निर्णय लिया है।’ प्रशासनिक अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं या बात करने से बच रहे हैं।

फिल्म देखने को दल गठित
कालवी ने बताया कि वह फिल्म नहीं देखेंगे। लेकिन फिल्म देखने के लिए इतिहासकार आर.एस. खंगारोत, बी.एल. गुप्ता, कपिल कुमार, रोशन शर्मा, मेवाड़ राज परिवार के सदस्य विश्वराज सिंह और बांसवाड़ा राज परिवार के सदस्य जगमाल सिंह को पैनल में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म पहले देख चुके इतिहासकार कपिल कुमार उसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे मात्र इतना चाहते थे कि नौ इतिहासकारों को फिल्म दिखाई जाए। फिल्मकारों ने मात्र तीन इतिहासकारों को फिल्म दिखाई थी।

मध्य प्रदेश में उग्र प्रदर्शन, बल प्रयोग 
मध्य प्रदेश के भोपाल में करणी सेना, राजपूत समाज सहित हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में डेरा डाल दिया। प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं। करणी सेना के सदस्य ऋषिराज ने कहा, ‘करणी सेना फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देगी। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।’

इसी तरह ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, रतलाम और मुरैना में भी प्रदर्शन जारी है। कई स्थानों पर लोगों ने टायर जलाकर और सड़क जाम कर यातायात बाधित करने की कोशिश की। कई जगह पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। राज्य के विधि एवं विधायी मंत्री रामपाल सिंह ने संभलकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार समाज और न्यायालय के सम्मान का ध्यान रखते हुए फैसले की समीक्षा करेगी और आवश्यक कदम उठाएगी।

राजस्थान में तीन आयोजन
राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एन.आर.के. रेड्डी ने बताया कि फिल्म के प्रदर्शन की तारीख, पांच दिवसीय जयपुर साहित्य उत्सव 25 जनवरी से शुरू हो रहा है और 26 जनवरी के दौरान प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए है। यहां राजपूत नेताओं ने रानी पद्मिनी के सम्मान में केन्द्र सरकार से विवादित फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है।

यूपी में प्रदर्शन-पथराव
पद्मावत विरोध की आग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी पहुंच गई। क्षत्रिय समाज ने ‘चेतावनी रैली’ निकाली तथा संजय लीला भंसाली का पुतला फूंक कर विरोध व्यक्त किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई युवकों ने सिनेमा हॉल मालिकों एवं प्रबंधकों से मिलकर धमकी-भरे लहजे में फिल्म नहीं दिखाने की अपील की है।

हापुड़ के पिलखुआ सिनेमा हाल के बाहर नारेबाजी की गई। लखनऊ के जीपीओ पार्क स्थित गांधीजी की प्रतिमा के सामने एक संगठन ने फिल्म के विरोध में धरना दिया। आगरा में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा प्रदर्शन करेगा। संगठन के क्षत्रिय समाज की भावना को ध्यान में रखते हुए सिनेमाघरों से फिल्म का प्रदर्शन न करने का अनुरोध किया है।

कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित एक मॉल में नारेबाजी करते घुसी भीड़ ने मल्टीप्लेक्स में पथराव कर दिया। फिल्म के पोस्टर फाड़ने के बाद वेटिंग हॉल की कुर्सियां और मेज पलट दी। मल्टीप्लेक्स के मैनेजर ने 30-35 लोगों के खिलाफ बवाल, गाली-गलौज और मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई है।

मथुरा में सशस्त्र प्रदर्शन
ब्रजमंडल क्षत्रिय राजपूत महासभा के अध्यक्ष ठा.मुकेश सिकरवार के नेतृत्व में मंगलवार राजपूत हाथों में बंदूक, तलवार, गदा, कटार, फर्से से लैस होकर कृष्णा प्लाजा में एकत्रित हुए। यहां राजपूतों ने फिल्म निर्देशक भंसाली के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने प्रदेश में इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग थी।

गुजरात में प्रदर्शन पर शक 
उधर, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गांधीनगर में कहा कि अदालत की ओर से प्रतिबंध पर रोक हटाने के बावजूद राज्य के अधिकतर सिनेमाघर मालिकों ने इसे प्रदर्शित नहीं करने का फैसला किया है। जो भी सिनेमाघर इसे प्रदर्शित करना चाहेंगे सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी। सूरत में पुलिस कमिश्नर सतीष शर्मा ने कहा कि फिल्म के विरोध में पिछले दिनों उग्र प्रदर्शन के सिलसिले में दर्ज पांच मामलों में अब तक 42 लोगों को पकड़ा गया है तथा 29 अन्य को चिन्हित किया गया है।

बिहार में विरोध मार्च, सिनेमाघर डरे
पटना में करणी सेना व अन्य संगठन बुधवार दोपहर दो बजे करगिल चौक से विरोध मार्च निकालेंगे। संगठन के बिहार अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी। संगठन के संयुक्त बयान में कहा कि चार हजार लोग मार्च में भाग लेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि किसी सिनेमाघर में फिल्म दिखाई जाती है तो वे संचालित नहीं करने का आग्रह करेंगे। बावजूद इसके फिल्म दिखाई जाती है तो आन, बान और शान के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।

गया जिले में करणी सेना के समर्थकों द्वारा हिंसा फैलाए जाने के भय से सभी सिनेमाघरों के मालिकों ने ‘पद्मावत’ नहीं दिखाने का फैसला किया है। भागलपुर और पूर्णिया जिलों में भी सिनेमाघरों के मालिकों ने फिल्म को नहीं दिखाने का फैसला किया है। पुलिस ने कहा कि बीते सप्ताह, मुजफ्फरपुर जिले के एक सिनेमाघर में कुछ कार्यकताओं ने हमला किया था। हालांकि, हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी बाकी है।

झारखंड में माहौल बिगड़ने की आशंका
झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है। विशेष शाखा के एसपी की विशेष रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है। रिपोर्ट में जिक्र है कि सिनेमा रिलीज होने पर सिनेमाघरों में विरोध की तैयारी है। ऐसे में कानून व्यवस्था भंग होने की स्थिति पैदा हो सकती है। रांची, जमशेदपुर समेत कई जिलों को विशेष अलर्ट जारी किया गया है।

पद्मावत के समर्थन में मनसे
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने बॉलीवुड फिल्म  पद्मावत की 25 जनवरी को रिलीज का समर्थन किया है। मनसे ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। मनसे फिल्म इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष शालिनी ठाकरे ने कहा कि मुंबई क्षेत्र में वह किसी को भी फिल्म की रिलीज को रोकने नहीं देंगे। उन्होंने कहा, मुंबई क्षेत्र में यदि कोई पद्मावत की रिलीज को बाधित करने का प्रयास करेगा तो उसे मनसे कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ेगा।

नाना पाटेकर ने भंसाली पर निशाना साधा

पद्मावत को लेकर जारी विरोध के बीच अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा है कि गलत फिल्म बनाएंगे, तो लोग रिएक्ट जरूर करेंगे।
पाटेकर का पद्मावत को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी चीज मुश्किल नहीं है। फिल्मों पर बवाल होना सामान्य बात है। जब मूवी को सेंसर से ग्रीन सिग्नल मिल गया, तो वो रिलीज होगी। हालांकि सही विषय पर फिल्म बनाएं। आप गलत फिल्म बनाएंगे तो लोग जरूर रिएक्ट करेंगे। अभिनेता ने स्पष्ट शब्दों में कहा, विरोध गलत है। लेकिन इतिहास से छेड़खानी करेंगे तो उससे जुड़े लोगों को बुरा लगना स्वाभाविक है।

पीरियड फिल्मों के लिए बॉलीवुड का प्यार बरकरार

पद्मावत को लेकर विवाद जारी रहने के बावजूद हिंदी फिल्म जगत इतिहास के प्रति अपने प्रेम और रचनात्मक स्वतंत्रता से समझौता करने को तैयार नहीं दिख रहा। फिल्मकारों का कहना है कि वे पीरियड फिल्में बनाते रहेंगे।

निर्देशक केतन मेहता,  अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा एवं आर माधवन जैसी फिल्म हस्तियां अब भी पीरियड ड्रामा फिल्में करने को उत्सुक हैं। ‘मंगल पांडे: द राइजिंग’ और ‘सरदार’ (सरदार वल्लभभाई पटेल पर आधारित फिल्म) जैसी पीरियड ड्रामा फिल्में बनाने वाले मेहता ने कहा, ‘इतिहास कहानियों का एक खजाना है। हम रचनात्मक प्रयासों से इतिहास को दूर नहीं रख सकते। मैं आज भी ऐतहासिक फिल्म बनाना चाहूंगा।’ हालांकि उन्होंने कहा कि भंसाली और उनकी टीम को जिस आक्रोश का सामना करना पड़ा है, उसे देखते हुए वह आगे ऐतिहासिक फिल्म बनाते समय सतर्कता बरतेंगे।

करणी सेना के नवी मुंबई प्रमुख समेत 11 गिरफ्तार
फिल्म पद्मावत के विरोध में बीती रात सायन-पनवेल राजमार्ग पर प्रदर्शन के सिलसिले में पुलिस ने करणी सेना की नवी मुंबई इकाई के अध्यक्ष भागवत सिंह राठौर समेत 11 कार्यकर्ताओं को मंगलवार को गिरफ्तार किया।
करणी सेना के करीब 25 सदस्यों ने सोमवार रात करीब आठ बजे वाशी टोल प्लाजा और वाशी गांव के बीच राजमार्ग पर सात जलते हुए टायर रख दिए थे जिससे पुणे की तरफ गाड़ियों की आवाजाही थोड़ी देर के लिए प्रभावित हुई थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कार्यकर्ताओं के हाथ में डंडे और पत्थर के अलावा मिट्टी के तेल के कनस्तर थे। वे टोल प्लाजा के पास इकट्ठा हुए और फिल्म के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सड़क पर टायर जलाने के बाद वे मौके से फरार हो गए। वाशी पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सर्विलांस के जरिये कार्यकर्ताओं का पता लगाने के बाद उन्हें गिरफ्त में ले लिया।

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