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CM श्री जय राम ठाकुर ने ने संबद्ध विभागों को दिए सूखे की स्थिति से निपटने के निर्देश…..

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मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश में सूखे की स्थिति की आशंका के चलते समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बागवानी, कृषि, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा पशु पालन इत्यादि संबद्ध विभागों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए तथा पहले से ही सभी प्रबन्ध सुनिश्चित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि पेयजल की समस्या के साथ-साथ पशुओं के चारे की कमी भी सामने आ सकती है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में आज बारिश व बर्फबारी भी होने की संभावना बनी है। उन्होंने कहा कि कम वर्षा जंगल में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पर्याप्त वर्षा व बर्फबारी नहीं हुई तो जलापूर्ति योजनाओं पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसलिए सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को नए हैंडपम्प स्थापित करने तथा पानी के टैंकों से आपूर्ति करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले महीने में भी सूखे से निपटने के लिए सभी तरह के प्रबन्धों से संबंधित कदम उठाने होंगे। बैठक में सूखे की स्थिति से निपटने की तैयारियों के बारे विस्तृत चर्चा हुई।

बैठक में बताया गया कि फसल के नुकसान के लिए किसानों को राहत प्रदान करने, पेयजल आपूर्ति, पशुओं के लिए पर्याप्त चारा व पानी उपलब्ध करवाने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को पर्याप्त धन राशि की आवश्यकता होगी।मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को इस संबंध में बैठकें आयोजित करवाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को पानी के अभाव वाले क्षेत्रों में पानी के टैंक उपलब्ध करवाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पेयजल स्त्रोतों को दूषित होने से बचाने के लिए एतिहाति उपाय भी किए जाने चाहिए तथा पीलिया जैसी जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए बड़े स्तर पर जिलों में सुपर क्लोरीनेशन की प्रक्रिया भी आरम्भ की जानी चाहिए। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने हितधारक विभागों से सूखे की स्थिति में चारे के लिए आपातकालीन योजना तैयार करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यदि पर्याप्त वर्षा नहीं हुई तो विभागों को स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चम्बा, शिमला, सोलन, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना तथा सिरमौर जैसे जिलों में वर्षा के अभाव के कारण कृषि व बागवानी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को पानी के नियमित सैम्पल लेने व गुणवत्ता जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त उपमण्डल स्तर तक प्रत्येक सप्ताह पानी की गुणवत्ता की जांच करवाना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव श्री विनीत चौधरी ने कहा कि सभी उपायुक्त शीघ्र धन से संबंधित मांगों को प्रस्तुत करें, ताकि निधि समय पर उपलब्ध करवाई जा सके।उन्होंने कहा कि विभागों को स्थिति से निपटने के लिए पशु चारे, खाद्यान, पशु, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं, राहत कार्यों, पानी इत्यादि को लेकर सूची तैयार करनी चाहिए।अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा नन्दा, प्रधान सचिव राजस्व श्री ओंकार शर्मा तथा बागवानी, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, पशु पालन विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।

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