देवभूमि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य होने के चलते अपनी सुंदरता के कारण पर्यटकों और श्रद्धालुओं की पंसदीदा जगह रहा है। किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में बाहर से आए सैलानियों का बहुत बड़ा योगदान होता है, मगर यदि किसी राज्य की परिवहन व्यवस्था वहां आने वाले सैलानियों के सापेक्ष कमजोर होती है तो इसका सीधा असर वहां आने वाले पर्यटकों की संख्या और राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
परिवहन व्यवस्था की बात करें तो पिछले कुछ समय में हिमाचल में इस सेक्टर में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। सांसद अनुराग ठाकुर के हिमाचल को आपस में जोडऩे और पूरे हिमाचल को भारत से जोडऩे के प्रयासों ने राज्य में परिवहन के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। अनुराग प्रदेश का मजबूत पक्ष केंद्र में रख रहे हैं। इसके लिए अन्य सांसदों का भी सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद केंद्रीय मदद को बेहतर ढंग से लगाने में जमीन स्तर पर उतारने के प्रयास हो पाएंगे।
राज्य में एक के बाद एक हाईवे, रेलवे, ग्रामीण सड़क परियोजनाओं की बढ़ती संख्याओं से पूरा हिमाचल जल्द ही एक सूत्र में बंधा नजर आएगा। हिमाचल में 63 नेशनल हाईवे, 221 ग्रामीण परियोजनाएं, ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन, अंब-इंदौरा से दौलातपुर रेलवे लाइन, प्रस्तावित बिलासपुर-मनाली-भानुपली रेलवे लाइन अनुराग के ही प्रयासों व केंद्र सरकार से मिल रही योजनाओं की वो सीढ़ी है, जिस पर चढ़ कर आने वाले दिनों में हिमाचल विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र सहित प्रदेश में परिवहन नेटवर्क मजबूत बनाने लक्ष्य है। केंद्र सरकार के समक्ष मसले उठाए गए हैं और केंद्र ने बहुत उदार मन से हिमाचल को राष्ट्रीय राजमार्ग दिए हैं। रेल योजनाएं भी दी हैं। प्रदेश में हवाई अड्डे रूटीन की फ्लाइट से जुड़े इसके लिए लगातार प्रयासरत रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल खोलकर मदद दी है। कांग्रेस की सरकार के समय मसले जमीनी स्तर पर नहीं उतर पाए थे। अब भाजपा मुख्यमंत्री जयराम के नेतृत्व में परिवहन से जुड़े मसले तेज गति से आगे बढ़ेंगे। इस मामले में प्रदेश के सभी सांसद व केंद्रीय मंत्री पूर्ण सहयोग कर रहे हैं।