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गूगल,फेसबुक की राह पर हिमाचल, बर्फ के रेगिस्तान में कोल्ड रीजन डाटा सेंटर खोलने की तैयारी….

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गूगल और फेसबुक ने भी अपने कोल्ड रीजन डाटा सेंटर अत्याधिक सर्द क्षेत्रों में खोले हैं। गूगल का कोल्ड रीजन डाटा सेंटर फिनलैंड और फेसबुक का स्वीडन के अंटार्टिका जोन में है। हिमाचल सरकार भी चाहती है कि ऐसा ही डाटा सेंटर खोला जाए। हिमाचल के पास इसके लिए शीत मरुस्थल के नाम से मशहूर जिला लाहौल-स्पीति उपयुक्त स्थान है। प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा, इस संभावना पर काम कर रहे हैं। रामलाल मारकंडा ने इसके लिए केंद्र सरकार व संबंधित विभागों के साथ बातचीत शुरू की है। डॉ. मारकंडा का कहना है कि इस कोल्ड रीजन डाटा सेंटर के खुलने से न केवल हिमाचल प्रदेश में आईटी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि दुनिया की नामी कंपनियां यहां निवेश भी करेंगी। उन्होंने बताया कि गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों ने अपने डाटा सेंटर दुनिया के अत्यधिक ठंडे इलाकों में खोले हुए हैं। अत्यधिक सर्द इलाकों में डाटा सेंटर स्थापित करने का मकसद सर्वर में उपयोग होने वाली बिजली की खपत को कम करना है।
बिजली की खपत होती है कम
विश्व में फेसबुक और गूगल जैसे ऑनलाइन मीडियम का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। ऑनलाइन मीडियम से एक समय में एक साथ लाखों लोग जुड़ते हैं। ऐसे में सर्वर में बिजली की खपत बेहद होती है। बिजली की खपत से सर्वर तेजी से गरम होते हैं। इस तरह ठंडे इलाकों में डाटा सेंटर खोलने से सर्वर को ठंडा करने में होने वाली बिजली की खपत कम होती है। ये उपयोगी साबित होता है और कई मायनों में लाभकारी भी।

मौसम के पुर्वानुमान की भी मिलेगी जानकारी
आईटी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि लाहौल स्पीति ये सारी खूबियां पूरी करता है। यहां तापमान अधिकांश समय शून्य अथवा इसके आसपास रहता है। लाहौल-स्पीति के चुनिंदा इलाकों में ही तापमान बढ़ता है। लिहाजा इस शीत मरुस्थल में डाटा सेंटर स्थापित करवाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस सेंटर से संचार एवं मौसम के पूर्वानुमान संबंधी गतिविधियों को समझने में मदद मिल सकेगी। साथ ही ये सेंटर डाटा सुरक्षित रखने में भी मददगार साबित होगा।

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