मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि वे चमत्कार कर सकते हैं। केवल दृढ़ निश्चय ही सफलता की पहली सीढ़ी है। अपने आपको कभी कमजोर मत समझो। उन्होंने कहा कि, जब आकाश अनंत है तो उड़ान भी ऊंची होनी चाहिये। उन्होने जोर देते हुए कहा कि सिर्फ अपने लिये जीना स्वार्थ है। स्वयं का जीवन, समाज और उन लोगों के लिये भी है जो किसी कारणवश जीवन की दौड़ में पीछे छूट गये हैं।
इस मौके पर अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को पूरा करने में योगदान करें। वहीं प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग एसएन मिश्रा ने बताया कि 232 बच्चे नेतृत्व विकास शिविर में भाग ले रहे हैं। यह शिविर 23 जनवरी से शुरू हुआ और 28 जनवरी को समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि करियर परामर्श, महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण, विशिष्टजनों से भेंट इसके प्रमुख घटक हैं।