Home मध्य प्रदेश MP में फिर महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल, एक फीसदी लगा सेस…

MP में फिर महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल, एक फीसदी लगा सेस…

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ऐसा पहली बार हो रहा है कि वैट व अतिरिक्त कर के माध्यम से उपभोक्ताओं से ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के नाम पर ‘सेस’ लिया जा रहा है, पेट्रोल भरवाने आए लोगों ने इस बढ़ोतरी पर आपत्ति दर्ज कराई है, लोगों का कहना है कि सरकार को इस तरह बार-बार कीमतें नहीं बढ़ानी चाहिए, वैसे भी मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा पेट्रोल पर टैक्स वसूला जा रहा है, उसके बाद भी अतिरिक्त टैक्स लगाना कहां की समझदारी है।
लोगों का कहना है कि वैसे भी महंगाई इतनी बढ़ चुकी है कि लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है, उस पर से सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी करती जा रही है, इस तरह की बढ़ोत्तरी से आम व्यक्ति की कमर टूट रही है, सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।वहीं कुछ युवाओं का कहना है कि यह सरकार की नाकामी है कि उसे अपने वित्तीय व्यवस्था को सुधारने के लिए इस तरह का टैक्स लगाना पड़ा है, अपनी वित्तीय स्थिति ठीक करने के लिए सरकार आम लोगों पर टैक्स लगा-लगा कर धन अर्जित करने की कोशिश कर रही है, तकलीफ तब होती है जब हम इतना टैक्स भरते हैं, उसके बाद भी सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है, उसके बावजूद भी सरकार कीमत कम करने की वजाय बढ़ा रही है, जोकि गलत है।
घर की रसोई पर पड़ेगा ‘सेस’ का असर
भोपाल निवासी जितेंद्र शर्मा का कहना है कि जिस तरह से पेट्रोल की कीमतों में इजाफा हुआ है, इसका असर हमारे घर के बजट पर पड़ेगा। आज पेट्रोल के मूल्य में अतिरिक्त टैक्स लगा दिया गया है, इस टैक्स की वजह से पेट्रोल और महंगा हो गया है, जिससे अन्य चीजें भी महंगी होंगी, यह निश्चित है और उसका सीधा असर हमारे घर की रसोई पर पड़ेगा।

नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने लगाया सेस

गौरतलब है कि अक्टूबर माह में केंद्र के निर्देश और चारों तरफ से पड़ रहे दबाव के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने पेट्रोल-डीजल से वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कम किया था। तीन प्रतिशत वैट घटाने के बाद पेट्रोल लगभग एक रुपए 32 पैसे सस्ता हुआ था, वहीं पांच प्रतिशत वैट और डेढ़ रुपए प्रति लीटर अधिभार घटाने से डीजल लगभग 3 रुपए 94 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ था। वैट घटाने से मप्र सरकार को हर साल 2 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा था। जिसकी भरपाई के लिए ही सरकार द्वारा सेस लगाए जाने का निर्णय लिया गया है।

300 करोड़ होगी सरकार की आय

कैबिनेट के फैसले के बाद अब सरकार मोटर स्पीड अध्यादेश 2018 के तहत डीजल पर 50-50 पैसे सेस लगाने की तैयारी में है। सेस से जमा पैसे का उपयोग सड़कों और मेट्रो रेल परियोजना के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इससे सरकार को सालाना 300 करोड़ की आय होगी।

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