रशियन कलाकारों ने समादन और कैंडलेब्रा नृत्यों प्रस्तुति देकर रोमांच से भर दिया।रशिया में पारंपरिक अवसरों पर किए जाने वाले इस डांस की प्रस्तुति के दौरान दोनों महिला कलाकारों ने सिर पर कैंडल रखकर डांस मूव्स दिखाए। भेल दशहरा मैदान में लोकरंग उत्सव के चौथे दिन देश-विदेश की सांस्कृतिक विरासत और लोक परंपराओं ने दर्शकों का मन जीत लिया। कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से जीवन दर्शन, उत्साह और शक्ति संतुलन को प्रदर्शित किया। संस्कृति विभाग की ओर से भेल दशहरा मैदान में चौथे दिन भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। मंच पर सांस्कृतिक छठा को देखना दर्शकों के लिए यादगार बन गया। धरोहर श्रंखला में देश के अलग-अलग राज्यों से आमंत्रित लोक कलाकारों ने अंचल लोक नृत्यों की प्रस्तुति देकर माहौल को सांस्कृतिक रंग में रंग दिया। लोकरंग उत्सव परिसर में संगीत और कला पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई है।उत्सव का समापन तीस जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सूफी गायन से होगा।
लोकरंग:रसियन डांस, अफ्रीकन एक्रोबेटिक ने भरा रोमांच…..
भोपाल।पारंपरिक कलाओं के उत्सव लोकरंग की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं। स्थानीय कलाकारों के साथ ही विदेशी कलाकार भी इस सांस्कृतिक उत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। समारोह के तहत सोमवार को देशान्तर श्रृंखला के तहत अफ्रीका से आए कलाकारों ने अफ्रीकन एक्रोबेट और रसिया से आए कलाकारों ने समादन नृत्य और कैंडलेब्रा नृत्यों की प्रस्तुति दी। ये पहला मौका था जब भोपाल में इस तरह के डांस का आयोजन हुआ।