अश्व्गन्धा एक बहुत ही ताकतवर जड़ी बूटी है जो शरीर को जवान बनाए रखने के काम आती है इसके नियमित प्रयोग से शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है और व्यक्ति हष्ट पुष्ट बन जाता है. सेक्स पावर बढ़ाने के लिए ही इसका ज्यादा इस्तमाल किया जाता है। इसके सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है और मजबूती आती है जिससे किसी भी प्रकार की थकान नहीं होती है। इसके सेवन से शरीर को बिमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा गठिया रोग और डाइजेशन की समस्या से भी मुक्ति मिलती है।
एक शोध से पता चला है कि अश्वगंधा की जड़ में कुछ ऐसे तत्व भी हैं जिसमें कैंसर के ट्यूमर की वृद्धि को रोकने की पर्याप्त क्षमता होती है। इस जड़ के जलीय एवं अल्कोहलिक फाॅर्मूला का शरीर पर कम विषैला प्रभाव पड़ता है एवं उसमे ट्यूमर विरोधी गुण प्रबल रूप से पाए जाते हैं। ऐसी प्रबल संभावना है कि अश्वगंधा कैंसर से छुटकारा दिलाने में बहुत सहायक है। स्वाभाविक रूप से अश्वगंधा में स्टेरॉयड होता है जो विभिन्न स्थितियों में लाभकारी है जैसे कि गठिया और कार्पन टनेल सिंड्रोम के उपचार में लाभकारी है। ये प्राकृतिक स्टेरॉयड ऐसे इनफ्लेम्मेटरी स्थितियों के साथ जुड़े दर्द को कम करने में विशेशरूप से लाभकारी हो सकती है।
इसके सेवन के जितने फायदे है उतने नुकसान भी हो सकते है अगर इसके सेवन के सही तरीके और सही मात्रा का ज्ञान ना हो। इसकी प्रवृति गर्म होती है इसलिए यह पेट में समस्या जैसे गैस बनना, उलटी, दस्त ज्यादा नींद आना जैसी समस्या पैदा कर सकता है। इसके ज्यादा सेवन से यह दवाइयों के असर को ख़त्म कर देता है. इसके इस्तमाल से पहले चिकित्सक से या किसी अनुभवी व्यक्ति या वैध से सलाह जरूर लेनी चाहिए।