फाल्गुन का महीना हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना है. इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है. इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना कहा जाता है. इस महीने से धीरे धीरे गरमी की शुरुआत होती है , और सर्दी कम होने लगती है. बसंत का प्रभाव होने से इस महीने में प्रेम और रिश्तों में बेहतरी आती जाती है. इस महीने से खान पान और जीवनचर्या में जरूर बदलाव करना चाहिए. मन की चंचलता को नियंत्रित करने के प्रयास करने चाहिए. इस बार फाल्गुन मास 01 फरवरी से 02 मार्च तक रहेगा.
फाल्गुन माह में कौन कौन से व्रत और त्यौहार प्रमुख रूप से मनाये जाते हैं ?
– फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को माँ लक्ष्मी और माँ सीता की पूजा का विधान है
– फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान् शिव की उपासना का महापर्व शिवरात्री भी मनाई जाती है
– फाल्गुन में ही चन्द्रमा का जन्म भी हुआ था , अतः इस महीने में चन्द्रमा की भी उपासना होती है
– फाल्गुन में प्रेम और आध्यात्म का पर्व होली भी मनाई जाती है
– इसी महीने में दक्षिण भारत में उत्तिर नामक मंदिरोत्सव भी मनाया जाता है
इस महीने में किस देवता की उपासना करनी चाहिए ?
– फाल्गुन महीने में श्री कृष्ण की पूजा उपासना विशेष फलदायी होती है
– इस महीने में बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण तीनों ही स्वरूपों की उपासना की जा सकती है
– संतान के लिए बाल कृष्ण की पूजा करें
– प्रेम और आनंद के लिए युवा कृष्ण की उपासना करें
फाल्गुन के महीने में किन बातों का ख्याल रक्खें और क्या सावधानियां रखें?
– इस महीने में प्रयास करके शीतल या सामान्य जल से स्नान करें
– भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें , अधिक से अधिक फल खाएं
– कपडे ज्यादा रंगीन और सुन्दर धारण करें , सुगंध का प्रयोग करें
– नियमित रूप से भगवान् कृष्ण की उपासना करें , पूजा में फूलों का खूब प्रयोग करें
– इस महीने में नशीली चीज़ों और मांस-मछली के सेवन से परहेज करें
फाल्गुन महीने में क्या विशेष प्रयोग करें?
– अगर क्रोध या चिड़चिड़ाहट की समस्या है तो श्रीकृष्ण को पूरे महीने नियमित रूप से अबीर गुलाल अर्पित करें
– अगर मानसिक अवसाद की समस्या है तो सुगन्धित जल से स्नान करें और चन्दन की सुगंध का प्रयोग करें
– अगर स्वास्थ्य की समस्या है तो शिव जी को पूरे महीने सफ़ेद चंदन अर्पित करें
– अगर आर्थिक समस्या है तो पूरे महीने माँ लक्ष्मी को गुलाब का इत्र या गुलाब अर्पित करें