भागवत ने एक कहानी के जरिए कहा कि, ‘युद्ध शास्त्र एक बार में एक से ही युद्ध करने की शिक्षा देता है, एक साथ दो से युद्ध नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि एक व्यक्ति एक से ही अच्छे से लड़ाई लड़ सकता है। जब एक को परास्त कर दो, वह मर रहा हो तो उससे अपना बचाव करते हुए आगे बढ़ जाओ।’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘दुनिया में दुष्ट हैं और वे सज्जनों से लड़ते हैं, हमें दुष्टों से नहीं लड़ना है, क्योंकि अगर हम ठीक हैं तो हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा हमारे पेट भरने के लिए नहीं है वह लक्ष्य देते हुए अर्थपूर्ण जीवन बनाती है, शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान का विकास करती है। वास्तविक मनुष्य वही बनता है, जो पहले अपने को जान लेता है।’भागवत बैतूल के तीन दिवसीय प्रवास पर आए हैं। वे यहां भारत भारती के तीन दिवसीय ग्राम विकास मिलन कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए हैं। इस आयोजन में देशभर से 400 से ज्यादा प्रतिनिधि पहुंचे हैं।