राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य अमित शाह ने अपने पहले भाषण में एनडीए सरकार की उपलब्धि गिनाई और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने माना कि बेरोजगारी है लेकिन 55 साल कांग्रेस ने शासन किया. हम पिछले आठ साल से सत्ता में हैं. यह समस्या अचानक पैदा नहीं हुई. मेहनत करके, पकोड़े बेचकर कोई रोजगार करता है, क्या हम उसकी तुलना भिखारी से करेंगे. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने कांग्रेस को हराया है. आजादी के बाद पहली बार किसी गैर कांग्रेसी दल को पूर्ण बहुमत मिला. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह बहुमत मिला. यह मैनडेट बीजेपी को मिला. उन्होंने कहा कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला लेकिन हमने एनडीए को सरकार में शामिल किया.
कांग्रेस के आरोपों पर अमित शाह ने कहा कि बीजेपी ने कभी जीएसटी का विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि केंद्र की तत्कालीन सरकार ने केंद्र और राज्य के संबंधों का ध्यान नहीं रखा. आपने वादे को पूरा नहीं किया. राज्यों को हो रहे घाटे को पूरा नहीं किया. वर्तमान की एनडीए सरकार ने यह घाटा पूरा किया और राज्यों की शंकाओं का समाधान किया. बीजेपी राज्यसभा सदस्य अमित शाह ने कहा कि मैं गरीब के घर में पैदा नहीं हुआ, लेकिन मैंने गरीबी देखी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने करोड़ों मांओं को धुएं से आजादी दिलाई. उन्होंने कहा कि शौचालय का अभियान चलाया गया. इसे स्वच्छता से जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि लुटियन जोन में रहने वालों को इसके बारे में ज्यादा पता नहीं चलता, लेकिन गांव में लोग इस समस्या को समझते हैं.
शाह ने कहा कि इस सरकार ने ऐतिहासिक काम किए हैं. अमित शाह ने एनडीए सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि इलाज के लिए जरूरी सामान की कीमतें घटाई गई हैं. उन्होंने स्टेंट का उदाहरण दिया. उन्होंने पीएम की नई स्वास्थ्य लाभ की योजना का जिक्र कर कहा कि ऐसी योजना पूरी दुनिया में नहीं है.उन्होंने कहा कि देश में कृषि पर 70 प्रतिशत आबादी निर्भर है. इस सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मजबूत कदम उठाए हैं. शाह ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुनाव गया तब उन्होंने कहा था कि यह सरकार गरीबों की सरकार को होगी. दलितों की सरकार होगी और दीन दयाल उपाध्याय के सिद्धांत पर चलेगी. अंत्योदल के सिद्धांत पर चलने वाली सरकार होगी.
अंतिम नागरिक तक विकास पहुंचना चाहिए. यही सिद्धांत कहता है. उन्होंने कहा कि 70 साल की आजादी के बाद 55 साल एक पार्टी का राज रहा और एक ही परिवार ने 50 साल राज किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान 60 प्रतिशत लोगों के पास एक बैंक अकाउंट नहीं था. शाह ने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए बीजेपी को मत मिला है. उन्होंने कहा कि 31 करोड़ जनधन खाते खुले और इन खातों में 75 हजार करोड़ रुपये आया. उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत से कम ऐसे खाते हो गए हैं जो जीरो बैलेंस हैं. पहले यह संख्या 77 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा कि शास्त्री जी के बाद पहली बार किसी पीएम ने संपन्न लोगों से अपील की और गरीबों के हित में कदम उठाए. उन्होंने कहा कि करीब 1.37 करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ी.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को फसल के लिए समर्थन मूल्य की जो घोषणा इस सरकार ने की है, वह पहले कभी नहीं हुआ. इस मुद्दे पर केवल राजनीति हुई. उन्होंने कई आंकड़े पेश कर सरकार की उपलब्धि गिनाई. उन्होंने विदेश नीति पर भी सरकार की तारीफ की. उन्होंने बजट सत्र पहले करने और 1 फरवरी को बजट पेश करने की सरकार की पहल की तारीफ की और इसे किसानों के हित का कदम बताया. उन्होंने कहा कि जीएसटी भी एक कारगर कदम है. दुनिया में सबसे बड़ा जो आर्थिक सुधार हुआ है वो भारत में GST के रूप में हुआ है। भारतीय जनता पार्टी ने कभी GST का विरोध नहीं किया था बल्कि इसके तरीकों का विरोध किया गया था.शाह ने राहुल गांधी के जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बोले जाने का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो यह टैक्स लिया. उसका पैसा देश और लोगों के हित में खर्च होता है. GST को गब्बर सिंह टैक्स बताया, गब्बर सिंह एक डकैत था…कानून से बना हुआ टैक्स डैकत है क्या? और इस से मिला पैसा वन रैंक, वन पेंशन जैसी योजनाओं में जाता है, किसी गरीब के घर में चूल्हा जलाने के लिए जाता.उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा था, वन रैंक वन पेंशन का. सरकार ने सबसे पहले इसे लागू किया.
जब प्रधानमंत्री जी मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा के लिए तीन तलाक बिल ले कर आए तो उसको भी कांग्रेस ने रोक दिया.जब चुनाव में जायेंगे तो जनता कांग्रेस से जवाब जरूर पूछेगी कि उसने OBC बिल को क्यों रोका.
इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सपा सांसदों ने उत्तर प्रदेश में पुलिस की गोलीबारी का विरोध करते हुए इस पर चर्चा की मांग की. सांसद नरेश अग्रवाल ने सदन में एक नियम के तहत नोटिस देते हुए सभी सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित कर चर्चा करने की मांग की. सभापति एम. वेंकैया नायडू ने नोटिस स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि वह एक अन्य नियम के तहत चर्चा की मंजूरी देंगे. नारेबाजी कर रहे सपा सांसदों ने शून्यकाल के दौरान किसी को भी कोई अन्य मुद्दा उठाने नहीं दिया.
पिछले सत्र में शाह जीएसटी पर बोलना चाहते थे लेकिन तीन तलाक बिल पर विपक्ष के हंगामे और गतिरोध के चलते उन्हें मौका नहीं मिल सका था. इसके बाद केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा था कि जीएसटी पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पहली बार बोलने वाले थे, लेकिन विपक्ष में हंगामे के चलते नहीं बोल पाए. जावड़ेकर ने कहा अमित शाह 6 साल के लिए अभी राज्यसभा में हैं, बहुत मौके होंगे जब वह बोलेंगे और कांग्रेस पर प्रहार करेंगे.