आपके लोन की ब्याज दरें कम होने की उम्मीदें इस बार आरबीआई की तरफ से पूरी होती नहीं दिख रही है. आरबीआई ने आज अपनी क्रेडिट पॉलिसी में नीतिगित दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने रेपो रेट 6 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा है. कैश रिजर्व रेश्यो यानी सीआरआर भी 4 फीसदी पर बरकरार है. मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी यानि एमएसएफ दर को 6.25 फीसदी पर बरकररार रखा है.
हालांकि आर्थिक मोर्चे पर एक और चिंता वाली खबर है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018 के लिए जीवीए ग्रोथ का अनुमान घटाकर 6.7 फीसदी से 6.6 फीसदी कर दिया है. वहीं, वित्त वर्ष 2019 में जीवीए ग्रोथ 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
आपको बता दें कि ये लगातार तीसरी क्रेडिट पॉलिसी है जिसमें आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने अगस्त 2017 में दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी. हालांकि ब्याज दरों में बदलाव न होने से आपके कर्ज की ईएमआई के पीछे की दरों के सस्ती होने की उम्मीदें टूट गई हैं. हालांकि आरबीआई लंबे समय से बैंकों को अपनी निचली दरों का फायदा ग्राहकों को देने के लिए कहता आ रहा है.
आरबीआई के मुताबिक अप्रैल-सितंबर 2018 में खुदरा महंगाई दर 5.1-5.6 फीसदी रहने का अनुमान है. लगातार बढ़ती महंगाई के चलते आरबीआई ने दरों में बदलाव करने से परहेज किया है. दरअसल दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 17 महीने के उच्च स्तर 5.21 फीसदी पर जा पहुंची थी.