सरकार द्वारा अभियोजन मंजूरी के बाद दागी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होंगे। जबकि जिन अधिकारियों पर झूठे आरोप लगाए गए हैं उनपर से कार्रवाई नहीं होगी। विभिन्न विभागों में विभीन्न मामलों के आरोपियों के खिलाफ सरकार द्वारा अभियोजन मंजूरी की दबी फाइलों को अब दोबारा से खोला जाएगा।प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने राजस्व, ऊर्जा सहित अन्य विभागों में एक दर्जन से अधिक मामलों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। वहीं, सरकार राजनीति से प्रेरित मामलों को भी वापस लेने की तैयारी में है। सरकार के ध्यान में दर्जन भर ऐसे मामले हैं जिन सरकार द्वारा अभियोजन मंजूरी की मांग किए दो साल से अधिक का समय हो चुका है।
इस कड़ी में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अभियोजन मंजूरी के लंबित प्रकरणों पर निर्णय लेने के लिए बैठक हुई। जिसमें अधिकारियों को लंबित पड़े मामलों जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए। ये माना जा रहा है कि ज्यादातर मामलों में कार्रवाई होना तय है। वहीं, सचिव द्वारा तय मामलों सबसे बड़े स्तर का अधिकारी तहसीलदार रैंक है।अब मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऐसे लंबित मामलों पर दस दिन के भीतर निर्णय लेकर जवाबदेही देनी होगी। वहीं, सचिव ने ये निर्देश भी दिए हैं कि जिन मामलों में अभियोजन की मंजूरी की जरूरत नहीं है, उन्हे अपने स्तर से निपटान करना होगा।