मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र सिराज के जंजैहली में एसडीएम कार्यालय और उप तहसील छतरी की अधिसूचना रद्द होने को लेकर मचा बवाल उग्र हो गया है। शुक्रवार को सिराज संघर्ष समिति, कांग्रेस-माकपा नेताओं और क्षेत्र के लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए जंजैहली बाजार में रैली निकाली और मुख्य चौक पर चक्का जाम कर दिया।
महिलाओं समेत सैकड़ों की तादाद में लोग करीब तीन घंटे तक प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान लोगों ने जयराम सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। सड़क पर चक्का जाम करने बैठे लोगों को पुलिस ने हटने को कहा, लेकिन गुस्साए ग्रामीण सड़क से नहीं उठे। इससे जाम लग गया और कई ग्रामीण रूट भी प्रभावित हुए। लोगों ने सरकार से मांग उठाई कि एसडीएम कार्यालय जंजैहली एवं उप तहसील छतरी की अधिसूचना को जल्द जारी किया जाए अन्यथा पूरे सिराज में बगावत का बिगुल बजा देंगे।
इस दौरान लोगों ने जयराम सरकार होश में आओ, साड्डा हक इत्थे रख, ऐसा सीएम नहीं चाहिए, जयराम सरकार मुर्दाबाद, जीएंगे साथ-साथ, मरेंगे साथ-साथ जैसे नारे लगाए। उधर, चक्का जाम करने पर पुलिस ने जयराम ठाकुर के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी चेतराम ठाकुर, सिराज संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेंद्र रेड्डी, सिराज कांग्रेस मंडल अध्यक्ष जगदीश रेड्डी, जिला परिषद सदस्य जयवंती, अखिल भारतीय महिला जनवादी समिति की राज्य सचिव जयवंती, पवन कुमार, महेंद्र राणा समेत करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। एसएचओ जंजैहली सुनील कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
धरने को संबोधित करते सिराज संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेंद्र रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को झुकना ही पड़ेगा। कांग्रेस प्रत्याशी चेतराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर आरोप लगाया है कि सीएम सिराज को क्षेत्रवाद में बांट रहे हैं। अखिल भारतीय महिला जनवादी समिति की राज्य सचिव जयवंती ने कहा कि जयराम अपने विस क्षेत्र की जनता के नहीं हैं तो प्रदेश की जनता के कैसे हो सकते हैं।
गोहर (मंडी)। एसडीएम कार्यालय जंजैहली को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले की अधिसूचना की प्रति शुक्रवार को मिल गई है। इसके बाद तुरंत प्रभाव से जंजैहली एसडीएम कार्यालय ने जनता के काम करना बंद कर दिए हैं। हालांकि, एसडीएम कार्यालय अपना काम जारी रखेगा। इस मामले को लेकर वीरवार को थुनाग पंचायत प्रधान नीलमा कुमारी की अध्यक्षता में लोग डीसी मंडी से मिले थे और उन्हें उच्च न्यायालय के फैसले की प्रति सौंपी थी। साथ ही जल्द न्यायालय के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आग्रह किया था।