Home राष्ट्रीय तीन देशों के दौरे पर निकले पीएम मोदी शनिवार को फिलिस्तीन पहुंचेंगे।….

तीन देशों के दौरे पर निकले पीएम मोदी शनिवार को फिलिस्तीन पहुंचेंगे।….

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किसी भारतीय प्रधानमंत्री की फिलिस्तीन की यह पहली यात्रा होगी। 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी फिलीस्तीन की यात्रा पर गए थे। प्रणब मुखर्जी की यात्रा के बाद से फिलीस्तीन में तीन करोड़ डॉलर की परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। मोदी की यात्रा के दौरान स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खेल और कृषि के क्षेत्र में बातचीत होगी। भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लगातार फिलीस्तीन का समर्थन करता रहा है। भारत ने ट्रंप के येरुशलम को इजरायल की राजधानी के ऐलान के खिलाफ भारत ने संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग की थी। 

पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान फिलस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास से मुलाकात करेंगे और फिलिस्तीन के विकास में भारत के सहयोग पर चर्चा होगी। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत सरकार की ओर से इजराइल-फिलिस्तीन संबंधों पर रुख साफ किया गया है। दोनों देशों के साथ भारत के संबंध ‘स्वतंत्र’ और ‘विशेष’ हैं। भारत का साफ संदेश है कि इजराइल-फिलिस्तीन आपस के झगड़े मिलकर बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के सुलझाएं।

हाल ही में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत की छह दिवसीय यात्रा पर आये थे। इससे पहले पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इजराइल की यात्रा पर गए थे। लेकिन तब वे फलस्तीन नहीं गए थे। भारत का साफ संदेश है कि इजरायल-फिलिस्तीन आपस के झगड़े मिलकर बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के सुलझाएं। इजराइल के साथ बढ़ते सहयोग के बीच फिलिस्तीन के साथ संबंधों को भारत संतुलित करने पर पूरा जोर दे रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक फिलस्तीन यात्रा से पहले यहां के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास ने कहा है कि हम हाल ही के घटनाक्रम और शांति प्रक्रिया के ताजा घटनाक्रम, द्विपक्षीय संबंधों व क्षेत्रीय हालात के बारे में प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा करेंगे। और संभावित भूमिका जो भारत इस क्षेत्र में शांति बढ़ाने के लिए निभा सकता है, और मौजूदा संबंधों के अलावा भी विभिन्न आर्थिक पहलुओं पर चर्चा होगी।

भारत दुनिया का पहला ऐसा गैर-अरब देश था जिसने फिलीस्‍तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) को मान्‍यता दी थी। इसके बाद साल 1975 में दिल्‍ली में पहला पीएलओ ऑफिस खुला और साल 1980 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत हुई। भारत ने 18 नवंबर 1988 को फिलीस्‍तीन को पूर्ण राष्‍ट्र के दर्जे को मान्‍यता दी। इन सभी अहम पड़ावों से पहले दोनों देशों के बीच 1974 से ही संबंधों की शुरुआत हो चुकी थी और उस समय इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। इसके बाद साल 1997 में फिलीस्‍तीन नेता यासिर अराफात ने दो बार भारत का दौरा भी किया। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास के साथ यह मोदी की चौथी मुलाकात होगी। इससे पहले 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के समय, उसी साल बाद में पैरिस में जलवायु सम्मेलन के समय और पिछले साल अब्बास के भारत दौरे के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी।

भारतीय समयानुसार पीएम मोदी शनिवार दोपहर 1.20 बजे वह फिलीस्तीन की राजधानी रामाल्लाह पहुंचेंगे।
दोपहर 1.25 बजे फिलीस्तीन के पूर्व राष्ट्रपति यासिर अराफात के मकबरे पर पीएम श्रद्धांजलि देंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यासिर अराफात पर बने संग्रहालय जाएंगे। दोपहर 2.15 बजे पीएम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। दोपहर 2.30 बजे फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास के साथ पीएम मोदी बैठक करेंगे। दिन में 3.13 बजे दोनों नेता साथ में लंच करेंगे। शाम 4.10 बजे दोनों देशों के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। इसके बाद दोनों देशों की संयुक्त प्रेसवार्ता। प्रधानमंत्री ओमान के लिए रवाना होंगे।

फिलिस्तीन के बाद प्रधानमंत्री यूएई के दौरे के लिए रवाना हो जाएंगे और फिर वहां से ओमान की राजधानी मस्कट जाएंगे। फिलिस्तीन पहुंचने से पहले पीएम मोदी जॉर्डन में रुके
तीन देशों की यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार रात जॉर्डन पहुंचे। जॉर्डन की राजधानी अम्मान में जब मोदी एयरपोर्ट पर पहुंचे तो गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया। मोदी के होटल फोर सीशंस के बाहर इंडियन कम्युनिटी के लोग भारत माता की जय के नारे लगाते भी दिखे। यहां मोदी ने लोगों के साथ सेल्फी भी खिचवाई और बच्चों से बात भी की. मोदी ने इसके बाद जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की। पिछले 30 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली जॉर्डन यात्रा है। 1950 में राजनयिक संबंधों के शुरू होने के साथ ही भारत और जॉर्डन का दोस्ताना रिश्ता रहा है।

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