मैहतपुर (ऊना)।
बिना कामकाज चलने वाली लोकसभा की कार्यवाही से देश को अरबों रुपये का चूना लग रहा है। इससे आहत कांगड़ा-चंबा के भाजपा सांसद शांता कुमार ने बेवजह हंगामा कर कार्यवाही बाधित करने वाले सांसदों पर ‘नो वर्क नो पे’ नियम को सख्ती से लागू किए जाने वाली मांग को लोगों का खुला समर्थन मिल रहा है।
शुक्रवार को क्षेत्र के प्रबुद्धजनों ने भाजपा सांसद शांता कुमार की इस चिंता को वाजिब मानते हुए अमर उजाला से कहा कि अब समय आ गया है कि जिस तरह हड़ताल पर जाने वाले या अन्य कारणों से काम न करने वाले सरकारी कर्मचारियों का वेतन काट लिया जाता है, उसी तर्ज पर ऐसे सांसदों पर भी यह नियम लागू होना चाहिए। शिवसेना हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ ने कहा कि वे काफी समय से यह मांग उठा रहे हैं, अब तो खुद भाजपा सांसद शांता कुमार ने इस मसले को उठाकर उनकी मांग को सही ठराया है।
उन्होंने कहा कि इस नियम के लागू होने से लोकसभा में होने वाले बेवजह के शोरगुल को रोका जा सकेगा। भारतीय पुनर्वास परिषद उत्तरी भारत के अध्यक्ष डॉ. केआर आर्य ने कहा कि जब यही नियम सरकारी कर्मचारियों पर लागू है तो सांसदों पर क्यों नहीं। डॉ. आर्य ने कहा कि लोकसभा में देश की गरीबी, बेरोजगारी तथा महंगाई जैसी विकट समस्याओं पर तो चर्चा होती नहीं, बेतुके मसलों पर समय बर्बाद कर करोड़ों, अरबों खर्च कर दिए जाते हैं।
सेवानिवृत्त प्रिंसिपल डॉ. रवि वैद्य ने कहा कि भाजपा सांसद शांता कुमार को इस मुद्दे पर लोगों का खुला समर्थन है। लोग मांग तो उठाते हैं लेकिन माननीय अपने लिए ऐसे नियमों को लागू नहीं होने देंगे। चताड़ा गांव की पूर्व महिला प्रधान मीना शर्मा ने कहा कि शांता की मांग का वह खुले दिल से समर्थन करती हैं। आयुर्वेदिक दवा उद्योग संघ के प्रदेशाध्यक्ष बीएस चंदेल ने कहा कि शांता कुमार की मांग बिल्कुल जायज है जिसका समर्थन होना चाहिए।