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कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री जयराम पर तल्ख प्रहार किया….

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शनिवार को ऊना में पत्रकार वार्ता के दौरान मुकेश ने कहा कि मुख्यमंत्री के छह दिल्ली दौरे भी प्रदेश को कोई राहत नहीं दिलवा पाए हैं। इस दौरान सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा भी मुकेश के साथ रहे। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रदेश का पक्ष सही ढंग से रखने में नाकाम हो रहे हैं। इसीलिए आर्थिक पैकेज लाने में असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाने के स्थान पर जयराम सरकार को अपनी नीतियों व कार्यक्रमों पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस की सरकार पर रिटायर्ड व टायर्ड का आरोप लगाने वाली भाजपा सरकार में अब मुख्यमंत्री कार्यालय में ही आरएसएस के कुछ लोगों को तैनात किया गया है।

मुकेश ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि इन लोगों को कौन सा प्रशासनिक तजुर्बा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में तो पूर्व आईएएस तजुर्बेकार अधिकारी लगाए गए थे। अब तो मुख्यंत्री व सरकार RSS के दखल से चल रहे हैं और भाजपा के ही कार्यकर्ताओं को सरकार होने का पता नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की उपलब्धि तबादले करना, जश्न मनाना व धूमल, शांता, नड्डा व संघ के दरबारों में हाजिरी भरना ही है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की गरिमा को भी खत्म किया जा रहा है। तबादलों पर रोक के फैसले के बाद भी लिस्टें जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार शौक से तबादले करे, हमें आपत्ति नहीं है, लेकिन वर्तमान में शौक्षिण सत्र चल रहा है, ऐेसे में अधिकारियों व कर्मचारियों को राजनीति के चलते बदलना सही नहीं है।

मुकेश ने कहा कि प्रदेश में 63 नेशनल हाईवे का ढिंढोरा पीट-पीट कर लोगों को गुमराह किया। उन्होंने आरोप जड़ा के सत्ता में आने के लिए इन हाईवे की घोषणा की गई। अब CM 31 मार्च तक इनकी डीपीआर तैयार करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन वह फिर एक बार इस मामले में सोच-विचार कर लें और बताएं कि यह हाइवे कब तक बनकर तैयार होंगे। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में कुछ लोग सत्ता के दम पर दहशत की राजनीति का दौर चलाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में विपक्ष कमजोर नहीं है, इसलिए दहशत की राजनीति न चलेगी और न चलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भी कांग्रेस के विधायकों से मिलने के लिए डराया धमकाया जा रहा है, जबकि विधायक प्राथमिकता के लिए अधिकारियों को फीडबैक देनी चाहिए।

मुकेश ने कहा कि कांग्रेस से हिसाब मांगने वाली भाजपा के चारों सांसदों को भी आगामी लोकसभा चुनाव में हिसाब देना होगा। उन्होंने कहा कि सांसदों से हिसाब मांगे जाने पर मुख्यमंत्री भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और धूमल को तकलीफ क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के चारों भाजपा सांसदों ने केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद से हिमाचल के विकास के लिए जारी होने वाले पैसे को रुकवाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।अग्रिहोत्री ने कहा कि पार्टी से निष्कासित नेताओं का मसला पार्टी मंच पर ही उठाया जाना चाहिए। अनुशासन में रहकर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने ब्लॉक की सिफारिशों पर निर्णय किया है, इसमें अध्यक्ष ही फैसला कर सकते हैं।

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