हिमाचल में भले ही तबादलों पर प्रतिबंध लग गया हो लेकिन सरकार ने चहेतों के लिए डेपुटेशन का सहारा लिया है। विभागों से अफसरों और कर्मचारियों को डेपुटेशन पर सचिवालय लाकर उन्हें विभिन्न ब्रांचों और मंत्रियों के साथ तैनाती दी जा रही है। अब तक सचिवालय में करीब पचास अफसर और कर्मचारी डेपुटेशन पर पहुंच गए हैं। हैरत की बात तो यह है कि चपरासी तक को भी डेपुटेशन पर बुला लिया गया है। इन कर्मचारियों की सचिवालय की बायोमीट्रिक मशीन में हाजिरी तक नहीं लग रही है। इनमें कई कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो तभी ड्यूटी पर आते हैं जब सचिवालय में बड़े साहब होते हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने सत्ता में आने के एक सप्ताह बाद तबादलों की झड़ी लगा दी। बीते 20 दिन के भीतर 400 के करीब कर्मचारियों और अफसरों को इधर से उधर कर दिया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में सामान्य तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन अब चहेतों को फायदा देने के लिए डेपुटेशन पर लाने का दौर चल रहा है। इन कर्मचारियों और अफसरों के काम मंत्रियों की फाइलें उठाना और जरूरी दस्तावेजों को ब्रांचों तक ले जाना है। विभागों से कई कर्मचारी सचिवालय में अफसरों और मंत्रियों के पास जाकर डेपुटेशन पर मनपसंद की सीट पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं।
जो अफसर और कर्मचारी मंत्रियों के करीबी हैं, वह भले ही किसी दूसरे विभागों में तैनात क्यों न हों, मंत्री उन्हें अपने विभाग में तैनाती दे सकते हैं। इनके डेपुटेशन की समयावधि होती है। समय खत्म होने के बाद सरकार इनके डेपुटेशन को बढ़ा भी सकती है।