जम्मू-कश्मीर में 3 दिन में दूसरा आतंकी हमला हुआ है। दोनों बार आतंकियों ने फोर्स के ठिकाने को निशाना बनाया। दोनों हमलों की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली। सोमवार को आतंकियों ने श्रीनगर के करन नगर स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया। फोर्स ने इसे नाकाम कर दिया। आतंकियों ने AK-47 राइफल समेत कई हथियारों के साथ सीआरपीएफ हेडक्वार्टर में घुसने की कोशिश की। गोलीबारी में एक जवान शहीद हो गया। आतंकी कैंप के बाहर एक खाली बिल्डिंग से गोलीबारी कर रहे हैं। वहीं, जम्मू के सुंजवान आर्मी कैंप में बीते 58 घंटे से ऑपरेशन जारी है। शनिवार तड़के आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला किया था। इसमें 5 जवान शहीद हो गए और एक सिविलियन की मौत हो गई। रविवार को आर्मी कैंप में टैंक भी भेजे गए थे।
सीआरपीएफ के स्पोक्सपर्सन ने बताया, “कैंप के संतरी ने सोमवार तड़के 4.30 बजे दो संदिग्धों को बैग और हथियारों के साथ देखा। संतरी चिल्लाया और फायरिंग की।”आतंकियों तुरंत उस जगह से भागे और पास की एक अंडरकंस्ट्रक्शन बिल्डिंग में पनाह ली। सीआरपीएफ ने बिल्डिंग को घेर लिया है।”सीआरपीएफ अफसरों की मानें तो बिल्डिंग में 2 आतंकी छिपे हैं। आतंकियों की फायरिंग को देखते हुए और जवान भेजे गए हैं ताकि आतंकी भागने न पाए।
सीआरपीएफ के आईजी रविदीप सहाय ने बताया कि सोमवार सुबह दो आतंकियों ने कैंप में घुसने की कोशिश की। वे हेडक्वार्टर में नहीं घुस पाए। लेकिन वे एक बिल्डिंग में घुसने में कामयाब हो गए। 5 परिवारों को बाहर निकाल लिया गया है। ऑपरेशन जारी है। हमले की जांच के लिए एनआईए की 5 मेंबर्स की टीम जम्मू पहुंच गई। सेना को आतंकियों से मिले सबूतों की जांच की। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने जम्मू पहुंचकर जायजा लिया। राज्यपाल एनएन वोहरा गृहमंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली जाकर मिले।
आर्मी कैंप क्वार्टर्स में तलाशी के दौरान एक सूबेदार, दो जवानों और एक बुजुर्ग के शव और मिले। अब तक दो सूबेदारों सहित पांच जवान शहीद हो चुके हैं। मृत मिले बुजुर्ग एक जवान के पिता थे।6 जवानों समेत 12 लोग घायल भी हैं। इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल रोहित सोलंकी और मेजर अविजीत सिंह सहित 6 जवान और छह महिलाएं-बच्चे हैं। शनिवार को आर्मी कैंप में घुसे आतंकी सेना की वर्दी में थे। इनके पास से एके-56 राइफल, अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, काफी गोलियां और हथगोले मिले हैं।
शनिवार रात से फायरिंग बंद है। हालांकि, अंदर और आतंकी होने की आशंका से सेना ने अभी इनकार नहीं किया है। इधर, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मुजफ्फरपुर में कहा कि जो सैनिक तैयार करने में सेना 6-7 महीने लगाती है, उन्हें संघ 3 दिन में तैयार कर सकता है। यह हमारी क्षमता है। “अगर ऐसी स्थिति पैदा हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयंसेवक मोर्चे पर जाने को तैयार हैं।”