गगरेट (ऊना)।
महाशिवरात्रि पर्व को लेकर गगरेट स्थित प्राचीन द्रोण मंदिर शिवबाड़ी सजकर पूरी तरह से तैयार है। सोमभद्रा नदी के तट पर बसा शिवबाड़ी मंदिर प्राचीन काल से यहां की शोभा बड़ा रहा है। लगभग पांच हजार वर्ग मीटर में फैला यहां का जंगल अपनी अलौकिक आभा बखेरे अपने अंदर कई रहस्य दफन किए है। पांडव काल से निर्मित प्राचीन मंदिर का निर्माण पांडव गुरु द्रोणाचार्य ने किया था।
गुरु द्रोणाचार्य पांडवों को अज्ञातवास के दौरान युद्ध कौशल के गुण सिखाते थे। इस मंदिर के तीनों तरफ शमशान घाट हैं और एक ओर पवित्र सोमभद्रा नदी बहती है। तपोस्थली रही प्राचीन शिव नगरी का घना जंगल किसी रहस्य के कम नहीं है। यह रहस्यमयी जंगल में विभिन्न तरह के छोटे-मोटे जानवरों को आश्रय दिए हुए शिव भक्तों का स्वागत करने के लिए सदैव तैयार है।
बुधवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव भक्त यहां भगवान शिव की अलौकिक शिव पिंडी पर दूध, जल और बिल्व पत्र चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे। शिवबाड़ी के पुजारी अजय और अश्वनी शर्मा ने बताया कि शिवरात्रि के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने शिव भक्तों से अपील कर कहा कि मंदिर परिसर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सहयोग करे और असामाजिक तत्वों को देखते उसकी सूचना मंदिर प्रशासन या पुलिस को तुरंत दें।